यूपी में आठ हजार से अधिक लेखपाल बर्खास्त
राजस्व विभाग ने लेखपालों और पदाधिकारियों पर गाज गिराते हुए उत्तर प्रदेश के आठ
हजार से अधिक लेखपालों को निलंबित कर दिया है। मथुरा के करीब एक दर्जन लेखपालों के
खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। साथ ही 68 लेखपालों को सेवा समाप्ति का नोटिस
दिया गया है।
यूपी में आठ हजार से अधिक लेखपालों की बर्खास्त किये जाने के
आदेश जारी किए गए है। राजस्व विभाग की ओर से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार हड़ताल
पर बैठे पच्चीस हजार पांच सौ पच्चहत्तर लेखपालों में से दो हजार पांच सौ तेइस ही काम
पर लौटे हैं।
राजस्व विभाग ने सात हजार तीन सौ इक्कासी पारिवीक्षाधीन लेखपालों को
बर्खास्त कर दिया है। एस्मा अधिनियम लागू होने के बावजूद हड़ताल पर बैठे और काम पर
वापस न आने वाले करीब आठ हजार से अधिक लेखपालों को बर्खास्त कर दिया गया है।
क्या है आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम (एस्मा)
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने हेतु एस्मा लगाया जाता है।
एस्मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या
अन्य माध्यम से सूचित किया जाता है।
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एस्मा का नियम अधिकतम छह माह के लिए लगाया जा सकता है। एस्मा लागू होने के बाद अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो
वह अवैध एवं दण्डनीय है। एस्मा लागू होने के उपरान्त इस आदेश से सम्बन्धित किसी भी
कर्मचारी को बिना किसी वारन्ट के गिरफ्तार किया जा सकता है।
क्या है मांग
लेखपाल को 16 साल की सेवा पर 4600 का ग्रेड पे और दूसरे को 2800 का ग्रेड पे दिया
जा रहा है। 2001 में भर्ती लेखपालों को पुरानी पेंशन से वंचित कर दिया गया है। अपनी
इन मांगों को लेकर लेखपाल नौ दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं। पदाधिकारियों का कहना है कि
जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती तबतक हड़ताल जारी रहेगी।
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