कूड़ा बीनने वालों को ‘सलाम’
एक गैर लाभकारी संस्था ने कूड़े से प्लास्टिक की बोतलें रिसाइकिल के लिए इकठ्ठा करने वाले लाखों कूड़ेवालों को सलाम करने के लिए रविवार को एक अभियान की शुरुआत की। ‘सलाम है’ नामक यह अभियान पॉलीथिलीन टेरेफेथलेट (पीईटी) की बोतलों की रिसाइक्लिंग प्रक्रिया में कूड़ा इकठ्ठा करने वाले लाखों लोगों के योगदान को उजागर करने का एक प्रयास है। यह विशेष वीडियो अभियान सोशल मीडिया पीएसीई (पीईटी पैकेजिंग एसोसिएशन फॉर क्लीन एन्वायरनमेंट) के साथ शुरू हुआ।
साइलेंट नायक हैं बोतल बीनने वाले
यह पीईटी बोतलें अब तक की सबसे ज्यादा रिसाइकिल की जाने वाली बोतलें हैं। इन बोतलों को बेचकर ही ये कूड़ा उठाने वाले लोग अपना जीवन यापन करते हैं। एनजीओ ने कहा कि इस अभियान का विषय ‘साइलेंट नायक’ होगा, जो ‘रिसाइक्लिंग उद्योग में इनके योगदान’ पर ध्यान केंद्रित करेगा।
एनजीओ ने कहा, “ये लोग हमारे समाज के साइलेंट नायक हैं, जो रिसाइक्लिंग मूल्यों की शुरुआत में खड़े होते हैं। इसके साथ ही ये लोग भारत में पीईटी रिसाइक्लिंग के लिए सबसे बड़ा योगदानकर्ता हैं।”पीएसीई के महासचिव पी.सी. जोशी ने बयान में कहा, “पीईटी 100 प्रतिशत रिसाइकलेबल है और दुनिया भर में सबसे अधिक रिसाइकिल की जाने वाली पैकेजिंग सामग्री है।”
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पीईटी पैकेजिंग के लिए सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक में से एक है और 100 प्रतिशत रिसाइकल योग्य है।पीईटी बोतलों को पॉलिएस्टर फाइबर जैसे उत्पादों का उत्पादन करने के लिए उपयोग किया जाता है।
इस फाइबर को विभिन्न तरह के कार्यो के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कुशन या तकिए के लिए सामग्री को भरना, या कपड़े और असबाब में उपयोग के लिए कपड़े में परिवर्तित किया जा सकता है।भारत में, पीईटी कचरे को 70 प्रतिशत से अधिक रिसाइकिल किया जाता है, जो रीसाइक्लिंग प्रक्रिया की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में लगे लाखों लोगों को आजीविका प्रदान करता है।
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