रूट निर्धारण का विरोध, चालकों ने टोटो सरेंडर करने की दी चेतावनी
जिला प्रशासन ने ई-रिक्शा को रूट किया है निर्धारित, 10 सितम्बर से होगा लागू
वाराणसी शहर को जाम मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन ने शहर को चार जोन में बांटकर थानावार टोटो के संचालन का रूट निर्धारित कर दिया है. इसे लागू करने की मियाद 10 सितम्बर निर्धारित कर दी है. वहीं टोटो चालक और उनके यूनियन के लोग लगातार जिला प्रशासन के इस फैसले के विरोध में धरना संग प्रदर्शन का क्रम जारी रखे हुए हैं.
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इसी कड़ी में रविवार को रामनगर के डोमरी क्षेत्र में वाराणसी चालक ई -रिक्शा कल्याण समिति के सदस्य जुटे, यहां सभा कर चालकों ने जिला प्रशासन से रूट डायवर्जेन के फैसले को वापस लेने के लिए जहां नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन कर विरोध जताया. इसके साथ ही निर्णय लिया कि आपसी सहमति के बाद सोमवार को टोटो चालक आरटीओ पहुंचकर जिला प्रशासन के फैसले के विरोध में अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन व गाड़ियां सरेंडर करेंगे.
आधी गाड़ियां सुबह को आधी शाम को चले
इस संबंध में वाराणसी चालक ई -रिक्शा कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष घनश्याम यादव ने जर्नलिस्ट कैफे को बताया कि यातायात व्यवस्था के लिए हमारे द्वारा जिला प्रशासन को अपना सुझाव पत्र दिया गया है. जिसमें यह कहा गया कि शहर के सभी टोटो चालकों को आधे आधे-आधे हिस्सों में बांट दिया जाए. यदि आधी गाड़ियां सुबह चले और आधी गाड़ियां शाम में चले. इससे जिला प्रशासन को भी यातायात व्यवस्था संभालने में सुविधा होगी वहीं टोटो चालकों को भी कोई समस्या नहीं होगी.
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बेरोजगार युवाओं के हाथ में रोजगार का हैंडिल
जिलाध्यक्ष घनश्याम यादव ने कहा कि शासन द्वारा अपराध में कमी के जो आंकड़े प्रस्तुत किये जाते हैं, उसमें ई-रिक्शा का अहम रोल है. टोटो चलाने वाले बेरोजगार युवाओं के हाथ में रोजगार का हैंडिल है. अगर उनसे इसको अलग किया जाता है तो युवा गलत कार्यों में लिप्त होने को बाध्य होंगे. विरोध प्रदर्शन में बाबू मौर्या, कंचन ,चांदनी, मो . रईस, विक्की, शुभम ,संजय ,ओमकालेश्वर साहनी, गौतम सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, रमेश प्रजापति, शीतल प्रजापति, मनीष पटेल सहित भारी सांख्या में चालक मौजूद रहे.