उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन लंगड़ा ! 8.5 हजार एनकाउंटर, 146 हुए ढेर…
करीब साढ़े चार साल पहले जब उत्तर प्रदेश में बीजेपी पूर्ण बहुमत से चुनाव जीती और योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही अपराधियों को नसीहत देते हुए कहा था कि अपराधी या तो अपराध छोड़ दे या फिर राज्य को वरना उन्हें सही जगह पहुंचा दिया जाएगा।
सीएम से फ्री हैंड मिलते ही यूपी पुलिस की जंग खाती बंदूकों से बुलेट निकलने लगीं और अपराधी मुठभेड़ में ढ़ेर होते गए या फिर घायल हुए। नोएडा-गाजियाबाद से लेकर गोरखपुर-देवरिया तक पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की।
8472 एनकाउंटर में 3302 घायल, 146 हुए ढेर-
इस बीच यूपी पुलिस की ओर से आंकड़े जारी किए गए हैं, वे काफी चौंकाने वाले हैं। मार्च 2017 में जब से बीजेपी उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई है, तब से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश पुलिस ने 8472 एनकाउंटर में 3302 कथित अपराधियों को गोली मारकर घायल किया है। इन मुठभेड़ों में अब तक 146 अपराधी ढेर हुए हैं।
अपराधियों को किया लंगड़ा-
आधिकारिक तौर पर तो इन मुठभेड़ों को कोई नाम नहीं दिया गया है, लेकिन कुछ पुलिसकर्मी इसे ऑपरेशन लंगड़ा भी बुलाते हैं। पुलिस का कहना है कि आधिकारिक तौर पर कोई डेटा नहीं है जिससे बताया जा सके कि पैरे में गोली लगने से कितने अपराधी लंगड़े हुए है। हालांकि ज्यादातर अपराधियों को पैरों में ही गोली लगी है जिससे वो लंगड़े हो गए हैं।
13 पुलिसकर्मी भी हुए शहीद-
पुलिस के आधिकारियों का कहना का है कि उत्तर प्रदेश में मुठभेड़ों में बदमाशों द्वारा चलाई गई गोलियों से पुलिस भी शिकार हुई है। ऐसी मुठभेड़ों में 13 पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं, जबकि 1157 से ज्यादा घायल भी हुए हैं। इन एनकाउंटरों में 18 हजार 225 अपराधियों की गिरफ्तारियां हुई है।
पुलिस का मकसद होता है गिरफ्तारी-
एक अखबार से बातचीत में उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के मुठभेड़ों में बड़ी संख्या में अपराधियों के घायल होने की बात यह साबित करती है कि पुलिस का मकसद उन्हें मारना नहीं है। पहला मकसद गिरफ्तारी है। उन्होंने कहा कि अपराध और अपराधियों के प्रति पुलिस की जीरो-टॉलरेंस नीति है।
पीड़ित को मिलता है कोर्ट में अपना पक्ष रखने का मौका-
एडीजी प्रशांत कुमार ने का कहना है कि किसी भी मुठभेड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सीधी गाइडलाइंस हैं। इतना ही नहीं हर एनकाउंटर की मजिस्ट्रेट जांच होती है। कोर्ट में पीड़ितों के पास अपना केस रखने का भी मौका होता है। हालांकि, अब तक किसी संवैधानिक संस्थान ने पुलिस के एनकाउंटरों के खिलाफ कुछ विपरीत नहीं कहा।
बदमाश की गोली का जवाब पुलिस गोली से दे: सीएम-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई कार्यक्रमों में एनकाउंटर से पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कह चुके हैं कि अगर अपराधी गोली चलाए तो पुलिस भी उसका जवाब दे। यानी साफ है कि अगर कोई बदमाश पुलिस पर फायरिंग करता है तो पुलिस भी जवाबी फायरिंग करती है और पुलिस के पास कानूनी ताकत भी है।
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