ऐसे पुलिसकर्मियों पर है डीजीपी की नजर, होगी सख्त कार्रवाई

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उत्तर प्रदेश के पुलिस मुखिया डीजीपी ओपी सिंह समाज में पुलिस छवि को सुधारने के लिए लगातार प्रयास में जुटे हैं। डीजीपी अनेक प्रकार की सराहनीय और अनोखी पहल की शुरुआत कर रहे हैं, ताकि पुलिस के प्रति लोगों की नकारात्मक सोच को बदला जा सके। ताकि आम जनता और पुलिस के बीच सामंजस्य स्थापित किया जा सके और समाज को अपराध मुक्त बनाया जा सके। लेकिन डीजीपी के अनेक प्रयासों के बावजूद कुछ पुलिसकर्मी उनकी कोशिशों पर पलीता लगाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं।

पुलिस छवि को सुधारने के लिए डीजीपी को कड़ी कार्रवाई

पूरे प्रदेश से अनेक प्रकार की ऐसी खबरें सामने आती रहती हैं, जिनमें कुछ पुलिसकर्मी अपने निजी स्वार्थ के लिए पूरे पुलिस महकमे को शर्मसार करते हैं। उन्हें न ही खाकीवर्दी की परवाह है और न ही समाज में पुलिस छवि को धूमिल करने वाले संदेश की चिंता। इन्हीं पुलिसकर्मियों की करतूतों की वजह से ही पुलिस छवि इतनी धूमिल हो चुकी है और इसका स्तर इतना नीचे गिर चुका है कि उसे सुधारने के लिए डीजीपी को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।

पुलिसकर्मियों द्वारा शर्मसार करने वाली करतूतों में अवैध वसूली भी बड़ा अपराध है। लेकिन अब सूबे के पुलिस कप्तान ने अवैध वसूली की लगातार मिल रही सूचनाओं पर बड़ी कार्रवाई की है। अवैध वसूली करने में जुटे प्रदेश के पुलिसकर्मी डीजीपी के रडार पर आ चुके हैं।

अवैध वसूली की रोकथाम के लिए आदेश जारी

डीजीपी ने अवैध वसूली की रोकथाम के लिए आदेश जारी कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि कहीं पुलिसकर्मी स्वयं वसूली कर रहे हैं तो कहीं उनके चमचे वसूली कर रहे हैं। उन्होंने इसे रोकने के लिए पूर्व में वसूली के आरोप के घेरे में आए ट्रैफिक और अन्य पुलिसकर्मियों की सूची बनाकर उन पर कड़ी निगरानी रखने का आदेश दिया है। उन्होंने बिना एसएसपी के निर्देश के दूसरे प्रदेशों और जिलों से आने वाले वाहनों की चेकिंग पर रोक लगा दी है।

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डीजीपी ने सभी जिलों के एसएसपी, एसपी और एएसपी ट्रैफिक को आदेश दिया है कि बाहर से आने वाले वाहनों की चेकिंग केवल उनके निर्देश पर ही होगी। उन्होंने बताया कि बाहर से आने वालों से बड़े पैमाने पर वाहनों से चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली की जाती है। इतना ही नहीं, अवैध वाहन चलवाने का ठेका लेकर और स्टैंडों से भी वसूली करने की सूचनाएं मिल रही हैं। इस वसूली के कारोबार में पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और उनके दलाल भी सक्रिय हैं।

पुलिस छवि को धूमिल करने में सबसे आगे ट्रैफिक पुलिस

उन्होंने खासतौर पर कहा कि भ्रष्टाचार फैलाने और पुलिस छवि को धूमिल करने में सबसे ज्यादा ट्रैफिक पुलिस का नाम सामने आ रहा है, जिसे सख्ती से रोकने की आवश्यकता है। इसी वजह से लोगों में पुलिस के प्रति कई नकारात्मक सोच जन्म लेती हैं और पुलिस की छवि धूमिल हो रही है।

लगाए जाऐंगे CCTV कैमरे

डीजीपी के आदेश के बाद अब जिले के पुलिस कप्तान किसी इमरजेंसी में वायरलेस सेट के जरिए वाहनों की चेकिंग करने का आदेश देंगे। किसी विशेष अभियान या अफसरों के निर्देश के बिना कोई भी पुलिसकर्मी ऐसा करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, डीजीपी ने कहा है कि वसूली के ठिकानों की जानकारी की जाएगी और वहां सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे।

उन्होंने आदेश में कहा कि अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद भी कई पुलिसकर्मी रोड पर अपनी पोस्टिंग स्थल से हटकर किसी दूसरे स्थान पर चेकिंग करने लगते हैं, जो उनकी वसूली का अड्डा होता है। इस पर रोकथाम के लिए वहां के सीनियर अफसर प्रतिदिन जनरल डेली (जीडी) रजिस्टर पर ड्यूटी चेक करके औचक निरीक्षण करेंगे।

कड़ी नजर रखने का आदेश

प्रदेश में कुछ ट्रैफिक पुलिसकर्मी वसूली करते हुए कई बार पकड़ लिए जाते हैं, लेकिन हर बार उनके अधिकारी उन्हें बचा लेते हैं। हाल में ही प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो टीएसआई के खिलाफ वसूली के मामले की गोपनीय जांच करवाई गई थी, इस जांच में एलआईयू की रिपोर्ट में दोनों कर्मियों को दोषी बताया गया और आईजी ने उन्हें ट्रैफिक पुलिस से बाहर का रास्ता दिखाते हुए पीएसी वापस भेजने का निर्देश दिया था, लेकिन इसके बावजूद उनके अफसरों ने दोनों को लाइन हाजिर कर दिया। ऐसे ही पुलिसकर्मियों की लिस्ट तैयार करके उनपर नजर रखने और कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।

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