बैंक खाता एक, मालिक दो, एक पैसे डालता, दूसरा यह सोचकर निकालता ‘मोदी जी भेज रहे’
मध्य प्रदेश स्थित भिंड के बैंक में एक नाम वाले दो व्यक्तियों का खाता बैंक ने एक ही नंबर से खोल दिया। अब एक शख्स बैंक में पैसा जमा करता रहा और दूसरा शख्स जाकर पैसे निकालता है।
मामला जब खुला तो पैसे निकालने वाले व्यक्ति ने कहा कि मुझे लगता था कि मोदी सरकार मेरे खाते में पैसे डाल रही है और मैं अपनी जरूरत के मुताबिक पैसे निकाल लेता था।
यह मामला भिंड के आलमपुर स्थित एसबीआई बैंक की एक शाखा का है।
आलमपुर कस्बे से चार किलोमीटर दूर ग्राम रूरई निवासी हुकुम सिंह कुशवाहा ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है।
वह अपने परिवार पालने के लिए हरियाणा में गोलगप्पे का ठेला लगाता है।
वर्ष 2016 में उसने आलमपुर स्थित एसबीआई बैंक में अपना खाता खुलवाया था।
इसके दो साल बाद ही दबोह के पास स्थित ग्राम रोनी निवासी हुकुम सिंह बघेल ने भी इसी शाखा में अपना खाता खुलवाया।
बैंक की लापरवाही के चलते दोनों व्यक्तियों को एक ही खाता नंबर दे दिया गया।
एक पैसा डालता, दूसरा निकालता-
हुकुम सिंह कुशवाहा खाता खुलवाकर अपना रोजगार करने हरियाणा चला गया।
जब भी वह घर आता तो अपनी कमाई से बचाए हुए पैसे खाते में जमा करवा आता।
उधर रोनी निवासी हुकुम सिंह बघेल बैंक पहुंचकर पैसे निकाल लेता।
हुकुम सिंह प्लॉट खरीदने के सिलसिले में 16 अक्टूबर को बैंक गया।
बैंक पहुंच कर उसने जन खाते की स्थिति देखकर दंग रह गया।
बैंक ने की बात को दबाने की कोशिश-
हुकुम सिंह के मुताबिक उसने खाते में 1 लाख 40 हजार रुपये जमा कराए थे।
अब केवल 35 हजार 400 रुपये ही बचे हैं।
जब उसने बैंक मैनेजर और बाबुओं से इस बात की शिकायत की तो उसकी बात नहीं सुनी गई।
और बात को दबाने की कोशिश की गई।
वहीं दूसरे खाताधारक ने इस मामले में कहा कि मैंने अपने खाते से पैसे निकाले हैं। मैं पैसे वापस क्यों करूंगा।
उसने कहा कि मुझे लगता था कि पैसे मोदी सरकार ने खाते में डलवाए है इसलिए मैंने पैसे निकालकर खर्च कर दिए।
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