आज काशी घाट पर जर्मनी के राष्ट्रपति का होगा स्वागत

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एक बार फिर से वाराणसी अपने खास मेहमान जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टाइनमायर के स्वागत के लिए तैयार है। गुरुवार सुबह 11:50 बजे जर्मनी के राष्ट्रपति बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचकर सारनाथ के लिए रवाना होंगे। इससे पहले 12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वाराणसी आए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन का स्वागत वाराणसी में बड़े ही जिंदादिली और जोश के साथ हुआ था।

प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं

अब कुछ दिनों बाद ही जर्मनी के राष्ट्रपति के काशी आगमन पर यहां के लोग काफी उत्साहित हैं।जर्मनी के राष्ट्रपति के आगमन को लेकर बुधवार को पूरा दिन प्रशासनिक और स्थानीय स्तर पर तैयारियां जोरों-शोरों से चलती रही। प्रोटोकॉल के मुताबिक जर्मनी के राष्ट्रपति को सारनाथ, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, अस्सी घाट, नौकाविहार और दशाश्वमेध घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती में शामिल होना है, जिसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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जर्मनी के राष्ट्रपति को यहां पर बौद्ध के उस मुख्य मंदिर में जाना है जहां पर भगवान बुद्ध का अस्थिकलश रखा हुआ है। इसके अलावा सारनाथ स्थित खंडहर परिसर और म्यूजियम का दौरा भी जर्मनी के प्रेसिडेंट करेंगे। इसके बाद जर्मनी के राष्ट्रपति काशी हिंदू विश्वविद्यालय जाएंगें, जहां पर वह शोध छात्रों के साथ संवाद करेंगे। इसके बाद अस्सी घाट से दशाश्वमेध घाट तक नौकाविहार करना है और शाम को दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती में भी शामिल होना है।

आरती देखेंगे उस स्थान का भी दौरा किया

जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र का कहना है कि जर्मनी के राष्ट्रपति के आगमन को लेकर तैयारियां पूरी हो गई हैं और सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं।जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा ने अस्सी से दशाश्वमेध घाट तक का दौरा किया। उसके बाद गंगा के घाट पर सेवा निधि के लोगों से तैयारियों के बारे में बातचीत की और राष्ट्रपति जहां बैठकर आरती देखेंगे उस स्थान का भी दौरा किया। 15 हजार स्कूली बच्चे भारत-जर्मनी के झंडे लहराएंगे और भाजपा की ओर से दो दर्जन स्थानों पर राष्ट्रपति का गुलाब की पंखुडि़यों से स्वागत किया जाएगा।

गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि जिस तरह से जापान के राष्ट्रपति शिंजो अबे के आगमन पर तैयारियां थी, वही तैयारियां रहेंगी। पूरे घाट की फूल से भव्य सजावट की जाएगी। कुछ दूर तक बल्ली की बैरिकेडिंग रहेगी जिससे आम जनता खड़े होकर मां गंगा की भव्य आरती देख सके। उन्होंने बताया कि जर्मनी के महामहिम जैसे ही घाट पहुचेंगे, वैदिक ब्राह्मण गंगा पूजन करेंगे। नौ वैदिक ब्राह्मण मां गंगा की महाआरती करेंगें और पूरा नजारा दीपावली जैसा होगा। आरती समाप्त होने के बाद राष्ट्रपति को विशेष तरीके का बना स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्रम, रुद्राक्ष की माला और प्रसाद भेंट किया जाएगा।

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