OMG : बालों को कलर करना हो सकता है इतना खतरनाक

0

अक्सर लोग बाहरी दिखावे के लिए बालों को डाई करने लगते है। लोगो को ये नहीं पता है कि बालों को कलर करने से हाथ पैर टेढे हो जाते है। साथ ही अन्य घातक बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉ. आरसी मूर्ति ने ये बात केजीएमयू कलाम सेंटर में एसोसिएशन ऑफ क्लीनिकल बायोकेमेस्ट्री ऑफ इंडिया (एसीबीआईकॉन) 2017 के अधिवेशन को संबोधित करने के दौरान बताई।

कॉस्मेटिक का इस्तेमाल से भी सेहत दांव

डॉ. आरसी मूर्ति ने बताया कि बालों को काला बनाने के लिए डाई का इस्तेमाल करते हैं। इससे भी घातक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि लेड की वजह से हाथ और पैरों के पंजे आगे की ओर झुक जाते हैं। दवाओं से लेड के असर को कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि लिपस्टिक, समेत दूसरे कॉस्मेटिक का इस्तेमाल से भी सेहत दांव पर लग सकती है।

ALSO READ : राहुल के नामांकन पर बोले पीएम ‘औरंगजेब राज उन्हीं को मुबारक’

हार्बल मेडिसिन के नाम पर नकली उत्पाद बाजार में बिक रहे हैं। इससे भी परहेज करें। इस दौरान डॉ. अब्बास अली मेंहदी ने बताया कि नवजातों को लगाये जाने वाला काजल भी बच्चे की आंखों के लिए बहुत घातक साबित हो सकता है।आंखों की खूबसुरती के लिए कॉजल और सुरमा लगाना घातक साबित हो सकता है। इससे आंखों की खुबसूरती दांव पर लग सकती है। इससे शिशु में मंदबुद्धि होने का खतरा बढ़ जाता है। सेहत को भी नुकसान हो सकता है। काजल और सुरम को अधिक दिनों तक सुरक्षित रखने के लिए उसमें लेड का इस्तेमाल किया जा रहा है।

also read : गोरखपुर में लहराएगा UP का सबसे ऊंचा तिरंगा

जो कि सेहत के लिए घातक है। यह जानकारी केजीएमयू बायोकेमेस्ट्री विभाग के पूर्व अध्यक्ष व एरा मेडिकल कॉलेज के कुलपति डॉ. अब्बास अली मेंहदी ने दी। डॉ. अब्बास अली मेंहदी ने कहा कि शिशु को जन्म के बाद माताएं उन्हें काजल और सुरमा लगती हैं। वहीं युवक-युवतियां आंखों को खूबसूरत बनाने के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

पाइप में जोड़ लगने के लिए वॉल में भी लेड होता है

उन्होंने बताया कि काजल और सुरमा को अधिक दिनों तक सुरक्षित रखने के लिए उसमें लेड का इस्तेमाल किया जा रहा है। जो कि त्वचा के जरिए शरीर में दाखिल होते हैं। इससे शिशु में मंदबुद्धि होने का खतरा बढ़ जाता है। भूलने की परेशानी भी बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि लेड के हानिकार तत्व खून में मिल जाता है। इससे खून में हीमोग्लोबिन बनने की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है। आगे चलकर मरीज एनीमिया की जद में आ जाता है। उन्होंने बताया कि पीले पेंट में अत्याधिक लेड होता है। इतना ही नहीं पानी की आपूर्ति वाले लोहे की पाइप में जोड़ लगने के लिए वॉल में भी लेड होता है।

(साभार – हिंदुस्तान)

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More