यहां सोमवार आते ही लड़कियां हो जाती हैं ‘पानी-पानी’
भारत ही नहीं विश्व के कई ऐसे देश हैं जहां सोमवार का अलग-अलग महत्व है। हमारे देश में सोमवार का दिन भगवान शंकर का माना जाता है। सोमवार को जो मनोदशा कर्मचारियों की होती है, वैसी ही स्कूल जाने वाले बच्चों की भी होती है। लेकिन मध्य यूरोपीय देशों जैसे पॉलैंड, चेक गणराज्य और पूर्वी यूरोप के देश यूक्रेन में सोमवार का अलग महत्व है। यूक्रेन के लड़के सोमवार को लड़कियों के ऊपर पानी फेंक उन्हें सिर से लेकर पैर तक भिगो देते हैं।
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वहां ईसाई धर्म के मुख्य धर्म बन जाने पर ‘वेट मंडे’ को ईसाईयों की एक रस्म के तौर पर अपना लिया गया है। वेट मंडे का संबंध पाप को धोने से है। ईस्टर के दसूरे दिन लड़के बोतल और बाल्टियों में पानी भरकर लड़कियों का पीछा करते हैं और उन पर पानी फेंक देते हैं। मूल परम्परा के अनुसार गांव की सबसे सुंदर लड़की को भिगोया जाता है। हालांकि अभी प्रचलन है कि लड़के किसी भी लड़की का पीछा कर उन्हें भिगोते हैं। ऐसा करते समय कई बार वो बाल्टियां कार के शीशे पर फेंक देते हैं। एक ओर जहां जल की कमी के बावजूद यूक्रेन के युवक बेफिक्र होकर इस पुरानी परम्परा की आड़ में जल बर्बाद करते हैं।
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वहीं भारत में सोमवार के प्रति लोगों की अलग-अलग धारणायें हैं। काम पर जानेवालों के लिये यह आलस्य भरा दिन होता है। रविवार को छुट्टी के बाद अगले दिन ऑफिस जाते वक्त लगता है जैसे मन पर कोई बोझ हो, वहीं व्रत रखनेवाली लड़की और महिलाओं के लिये यह त्रिशूलधारी शिव का दिन होता है। इस दिन शिव भक्त एकत्रित हो शिव महिमा की चर्चा करते हैं। सावन के सोमवार का महत्व शिव भक्तों के लिये एक अलग महत्व रखता है।