ऐसा शौक भी किस काम का. जो बिना मतलब के कोर्ट कचहरी के चक्कर लगवा दे. शौकीनी का एक ऐसा ही मामला वाराणसी में सामने आया है. सोमवार को स्थानीय पुलिस कचहरी चौराहे पर चेंकिग अभियान चला रही थी, इसी दौरान एक बुलेट के नंबर प्लेट पर उनकी नजर गयी. नंबर प्लेट पर आरटीओ रजिस्ट्रेशन की जगह भोजपुरी में एक वाक्य लिखा था. नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर की जगह ‘आई त लिखाई’ लिखा था. इसका जवाब पुलिस ने ‘ई अब थाने जाई’ कहते हुए बुलेट सीज कर दिया.
पुलिसकर्मियों से छोड़ने की गुहार लगाता रहा
इस दौरान बुलेट सवार युवक पुलिसकर्मियों से उसे छोड़ने की गुहार लगाता रहा. पर पुलिस वालों ने उसकी एक न सुनी और बुलेट को थाने में खड़ा करा दिया. बुलेट सवार युवक ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर बुलेट छुड़ाने के तमाम जतन किये लेकिन उसकी एक न चली. वह लगातार पुलिस वालों की किसी से फोन पर बात कराने की कोशिश करता रहा पर पुलिस ने न तो फोन पर बात ही कि और न बुलेट छोड़ा.
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चेकिंग के दौरान नजर नंबर प्लेट पडी़
दशाश्वमेध थाना अंतर्गत खालिसपुरा निवासी प्रतीक मिश्रा की बुलेट थी. जानकारी के अनुसार सोमवार शाम को प्रतीक मिश्रा अपनी बुलेट लेकर कचहरी की ओर गया था, उसी दौरान वहां कैंट इंस्पेक्टर राकेश सिंह वाहनों की चेकिंग कर रहे थे. चेकिंग के दौरान उनकी नजर बुलेट के नंबर प्लेट पर गई. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने प्रतीक मिश्रा को रोका फिर कैंट इंस्पेक्टर राकेश सिंह ने बुलेट सीज कार्रवाई करने का आदेश दिया. पुलिसकर्मियों ने युवक को ट्रैफिक नियमों के बारे में भी समझाया.
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