NTPC हादसा : वाहवाही लूटने के चक्कर में गईं 34 जिंदगियां !

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ऊंचाहार में स्थित एनटीपीसी में अबतक 34 मौंते हो चुकी हैं और कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। बता दें कि एनटीपीसी में बॉयलर फटने से एक बड़ा हादसा हो गया था। इस हादसे में सैकड़ो लोग गंभीर रुप से झुलस गए थे। हादसे के बाद एक के बाद एक एनटीपीसी प्रशासन की पोल खुलती जा रही है। इस संयंत्र को चालू करने के लिए कितनी लापरवाही की गई और सुरक्षा मानकों को दरकिनार किया गया है जिसका खामियाजा इतनी मौत देकर भुगतना पड़ा है।
नहीं मिली थी एनओसी
संयंत्र को 3 साल में शुरू करना था लेकिन वाहवाही लूटने के चक्कर में इतने लोगों की जान चली गई। संयंत्र को चलाने के लिए न तो एनओसी ली गई और न ही आग पर काबू पाने के लिए कोई साधन था। संयंत्र को 3 साल में शुरू करना था लेकिन इसे ढाई साल में शुरू कर दिया गया।
प्रेशर बढ़ने से हुआ हादसा
एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक रवींद्र सिंह राठी ने बताया कि बुधवार दोपहर में जब फर्नेस के नीचे से राख की निकासी रुकने लगी तो प्लांट का लोड 400 मेगावाट से घटाकर 190 मेगावाट पर कर दिया गया, फर्नेस में नीचे चिपके राख के एक बड़े टुकड़े से फर्नेस का प्रेशर निगेटिव से पॉजिटिव की ओर बढ़ने लगा। यूनिट टिप हो गई लेकिन प्रेशर बढ़ना बंद नहीं हुआ। वह प्लस 240 तक पहुंच गया। इकोनॉमाइजर हॉपर फट गया और लोग चपेट में आ गए।
गुरुवार सुबह तीन यूनिटों ने काम करना बंद कर दिया था। पहली यूनिट पहले से ही बंद थी। सबसे बड़ी पांच सौ मेगावाट की यूनिट बुधवार को हादसे के बाद से ही ठप है। सुबह छह बजे संयंत्र क्षेत्र की यूसीबी (यूनिट कंट्रोल बोर्ड) में अचानक खराबी आ गई। इस कारण स्विच यार्ड में बिजली का भार कम ज्यादा होने लगा। फिर एक-एक करके यूनिट नंबर तीन, चार और पांच बंद हो गईं।
34 लोगों की हो चुकी है मौत
प्रमुख सचिव गृह ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं, वहीं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर एनटीपीसी ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है।इस बीच, लखनऊ के सिविल अस्पताल में चार, लोहिया, सिप्स व ट्रामा सेंटर में एक-एक घायल की मौत हुई। एनटीपीसी के एजीएम संजीव कुमार शर्मा की भी लखनऊ के एक निजी अस्पताल में गुरुवार शाम छह बजे मौत हो गई। बुधवार को रायबरेली में 17 और लखनऊ में पांच लोगों की मौत हुई थी।
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गुरुवार को रायबरेली में चार लोगों की मौत हुई। वहीं सिप्स में भर्ती एनटीपीसी के दो एजीएम सहित पांच को एयर एंबुलेंस से दिल्ली भेजा गया। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि देर शाम सात और लोगों को एयर एंबुलेंस से दिल्ली भेजा गया है। विस्फोट की तीव्रता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता कि ब्वायलर से 10 मीटर दूर चैंबर की मोटी स्टील की चादर के परखच्चे उड़ गए थे।आरके सिंह, केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री का कहना है कि हादसे को देखते हुए जाहिर है कि एनटीपीसी में बड़ी लापरवाही हुई है।
जांच के लिए गठित की तीन सदस्यीय समिति
नई यूनिट जल्दबाजी में चलाई गई, इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए तभी सच्चाई सामने आ सकेगी। सरकार की पहली प्राथमिकता घायलों की फौरी इलाज की है। सरकार ने वे सारे उपाय किए हैं, जिससे घायलों को हर कीमत पर बचाया जा सके। लखनऊ के अस्पतालों के अलावा दो एयर एंबुलेंस भी लगाई गई हैं जिनसे गंभीर मरीजों को सीधे दिल्ली भेजा जा सके।एनटीपीसी ने भी जांच के लिए गठित की तीन सदस्यीय समिति

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