BHU परिसर स्थित ITI के पास छात्रा से गैंगरेप मामले में लीपापोती के प्रयास और पुलिस प्रशासन की संदिग्ध भूमिका के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के छात्रों ने सोमवार को मधुवन बाटिका में मौन सत्याग्रह किया. इस दौरान वक्ताओं ने गैंगरेप के आरोपितों की जानबूझ कर देरी का आरोप लगाया. कहाकि गैंगरेप आरोपितों को सत्ता में बैठे लोगों का संरक्षण प्राप्त था. मौन सत्याग्रह के दौरान छात्र-छात्राओं ने बाहों पर काली पट्टी बांधी थी. छात्रों ने पूछा की जब आरोपितों की पहचान घटना के पांच दिन बाद ही हो गई थी तो गिरफ्तारी में 60 दिन का समय क्यों लगा? महामना के परिसर में यह बेहद शर्मनाक घटना है. भाजपा को इसके लिए देश की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए.
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सरकार और कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल
उन्होंने कहाकि देश में लगातार महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं. अपराध नियंत्रण की वजाय सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग चुनाव-चुनाव खेल रहे हैं. बीएचयू की घटना कानून-व्यवस्था पर गहरा सवाल है. इस मामले में सरकार और पुलिस की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध लग रही थी. उन्होंने समाज से अपील किया कि वह अपराधियों के प्रति मुखर हों. चाहे उसे सत्ता का संरक्षण प्राप्त हो या न हो. अपराधी-अपराधी होता है. न्याय के पक्ष में जनता को अवाज उठानी ही पड़ेगी.
सत्याग्रह में राणा रोहित, इकाई अध्यक्ष राजीव नयन, जंग बहादुर पाल, प्रज्ञा तिवारी, शंभू कनौजिया, वंदना उपाध्याय, प्रियदर्शन मीना, अक्षय, जयप्रकाश, अनुज, मनीष, लालमणि, राहुल, धर्मेंद्र पाल, पीयूष कुमार मीणा, अभिषेक यादव, मुरारी यादव आदि रहे.