Varanasi में अब एक क्लिक पर खुलेगी अवैध निर्माणों की कुंडली

विस्तृत क्षेत्र की सटीक जानकारी उपलब्ध कराएगी नई तकनीक, सुव्यवस्थित विकास में मिलेगी मदद  

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काशी के सुनियोजित विकास के लिए योगी सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करेगी. प्राचीन शहर काशी की पौराणिकता को कायम रखते हुए धर्म, अध्यात्म और सांस्कृतिक नगरी को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है. वाराणसी विकास प्राधिकरण भू-स्थानिक मानचित्रण यानी जियोस्पेशल तकनीक के जरिये नए निर्माणों को चिन्हित करते हुए अवैध निर्माण की पहचान करेगा. इस तकनीक के जरिये शहर के सुव्यवस्थित विकास में मदद मिलेगी.

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अब एक क्लिक पर अवैध निर्माणों की कुंडली खुल जाएगी.  वीडीए ने तीन साल के लिए जियोट्रिक्स एनालिटिक्स नाम की कंपनी को इसके लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया है. जो हर 6 महीने में सर्वे करके अपनी रिपोर्ट देगी. विश्व के लिए विकास का मॉडल बन रही ओल्डेस्ट लिविंग सिटी काशी अब आधुनिक टेक्नॉलजी को इस्तेमाल करके और आधुनिक होगी.

नई तकनीक से अवैध निर्माण को चिन्हित करने में मिली मदद

वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने बताया कि एआई आधारित भू-स्थानिक मानचित्रण (जियो स्पेशल) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इस तकनीक से नए निर्माण को ट्रैक करके अवैध निर्माण और अतिक्रमण को चिह्नित करने में मदद ली जाएगी. यह नए निर्माण के स्थानों को सटीक चिह्नित करके उसकी लोकेशन बताएगा, इससे कार्रवाई करना आसान होगा और अफसरों व अभियंताओं की जवाबदेही निर्धारित की जा सकेगी. कुछ माह पूर्व बाबतपुर रोड, रिंग रोड फेज 1, चुनार रोड, वरुणा और अस्सी नदी आदि क्षेत्रों में जियो स्पेशल मैपिंग की गई थी, इसमें 197 नए निर्माण मिले थे, इसके आधार पर अवैध और अतिक्रमण को चिह्नित किया गया था.

उच्चाधिकारी कर सकेंग प्रभावशाली निगरानी

वीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि इसका सॉफ्टवेयर व मोबाइल एप भी विकसित किया जायेगा. इसके माध्यम से प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारी मौके पर पहुंच कर अवैध निर्माण की फोटो खींच कर अपलोड कर सकेंगे. अवैध निर्माण और कार्रवाई से सम्बंधित विस्तृत रिपोर्ट भी सॉफ्टवेयर के माध्यम से तैयार की जाएगी. ताकि हर चरण की कार्यवाही पर निगरानी की जा सके. भू-स्थानिक विश्लेषण से संबंधित कम्पनी जियोट्रिक्स एनालिटिक्स के निदेशक अक्षत चौहान ने बताया कि यह तकनीक किसी बड़े क्षेत्र के लिए अत्यधिक सटीक जानकारी उपलब्ध कराता है. इस तकनीक के जरिए सम्बंधित उच्च अधिकारी समयबद्ध तरीक़े से प्रभावशाली निगरानी करके आवश्यक निर्देश भी दे सकते हैं. इस टेक्नोलॉजी से जुड़े सॉफ्टवेयर के जरिये सभी अधिकारी जुड़े होंगे.

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