अब कारतूस की हेराफेरी नहीं कर सकेंगे लाइसेंसधारी
गोरखपुर में फर्जी लाइसेंस पर असलहा खरीदने का सनसनीखेज मामला उजागर होने के बाद प्रशासन ने कारतूस की खरीद पर सख्ती बढ़ा दी है। अब लाइसेंसधारी को बार कोड पर ही कारतूस मिलेगा।
असलहा लाइसेंस के नवीनीकरण की तरह ही एक फार्म भरकर कारतूस के लिए बार कोड आवंटित कराना होगा।
इसके बाद ही दुकान से कारतूस ले सकेंगे।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लाइसेंसधारी मनमाने ढंग से कारतूस नहीं ले सकेंगे।
साथ ही कारतूस का पूरा ब्योरा प्रशासन के रिकॉर्ड में होगा।
कारतूस का हिसाब नहीं-
14 अगस्त को गोरखनाथ इलाके के तनवीर के पकड़े जाने के बाद जिले में बड़ी संख्या में फर्जी लाइसेंसधारियों का खुलासा हुआ।
इसी दौरान पता चला कि बड़ी संख्या में इन लोगों ने कारतूस भी खरीदे थे।
इसमें से कई का हिसाब भी नहीं मिल सका।
इस हेराफेरी में ही पूर्व में तैनात रहे असलहा बाबू समेत कई लोगों को जेल भेजा गया।
प्रशासन ने कार्रवाई करने के साथ ही अब खुद के सिस्टम को भी सुधारने की पहल शुरू कर दी है।
असलहा लाइसेंस की नए सिरे से जांच के साथ ही नवीनीकरण के समय ही कारतूस के भी बार कोड का आवंटन किया जा रहा है।
इसी बार कोड की मदद से गन हाउस से लाइसेंसधारी कारतूस खरीद सकेंगे।
इसका रिकॉर्ड लाइसेंस के साथ ही असलहे पर चस्पा प्रोफार्मा पर भी दर्ज होगा।
कंप्यूटर में भी रिकॉर्ड को रखा जाएगा ताकि किसी भी स्तर से कहीं चूक ना होने पाए।
एक-एक कारतूस का पूरा हिसाब प्रशासन के पास मौजूद होगा।
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