नोएडा एसएसपी दफ्तर की फाइलें संदिग्ध हालात में जलती मिलीं, जांच शुरू

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संदिग्ध हालात में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय, नोएडा की तमाम फाइलें आग में जलती पाई गईं। इस बाबत वीडियो भी वायरल हुए हैं। ऐसा लगता है कि एसएसपी वैभवकृष्ण के संस्पेशन के बाद गैंगेस्टर व गुंडा एक्ट से जुड़ी ये फाइलें हैं। इस बारे में कन्फर्म कोई कुछ भी नहीं बता पा रहा है। जितने मुंह उतनी ही बातें हो रही हैं।

हड़कंप मचा है

गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने की खबर से लगता है हड़कंप मचा है। जबकि अभी तक न पुलिस कमिश्नर ने कार्यभार ग्रहण किया है, न ही उनके किसी मातहत डीसीपी और एसीपी ने ही। लेकिन इससे पहले ही मंगलवार को संदिग्ध हालात में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय की तमाम फाइलें आग में जलती पाई गईं। घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

फाइलें आग में जलती पाई गईं

कमिश्नर सिस्टम लागू होने से पहले ही मंगलवार को संदिग्ध हालात में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय की तमाम फाइलें आग में जलती पाई गईं। घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार सुबह सूरजपुर कलेक्ट्रेट परिसर में मौजूद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में साफ-सफाई का काम चल रहा था। क्योंकि मंगलवार शाम तक किसी भी वक्त नए और पहले पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह कार्यभार ग्रहण करने इस कार्यालय में पहुंच सकते हैं। साफ-सफाई एसएसपी कार्यालय के पुलिसकर्मियों की देखरेख में चल रहा था।

कोई उच्चाधिकारी नहीं पहुंचा

कार्यालय में तब तक कोई उच्चाधिकारी नहीं पहुंचा था। उसी वक्त किसी ने एसएसपी कार्यालय परिसर के एक कोने में आग में फाइलों के ढेर को जलते हुए देखा। फाइलों में आग लगने की खबर मिलते ही वहां मौजूद कर्मचारियों की भीड़ जुट गई।

सूचना पाकर जब तक मौके पर जिले के आला-पुलिस अफसर पहुंचे, फाइलों में लगी आग को बुझा दिया गया। मौके पर पहुंचे आला पुलिस अफसरों ने मौजूद कर्मचारियों से फाइलों और उनमें आग लगने के कारणों के बाबत पूछा तो कर्मचारियों को सांप सूंघ गया।

गैंगस्टर गुंडा एक्ट लिखा हुआ है

गौतमबुद्ध नगर जिला पुलिस मुख्यालय के एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर मंगलवार को कहा कि जो फाइलें आग में जलती हुई पाई गईं, उनमें से कई के ऊपर गैंगस्टर गुंडा एक्ट लिखा हुआ है।

गौतमबुद्ध नगर के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) रणविजय सिंह ने इस बारे में कहा, “मामले की जांच की जा रही है। प्राथमिक छानबीन में जो कुछ सामने आया है, उसके मुताबिक ये सब पुरानी फाइलें थीं, जो इस्तेमाल में नहीं आनी थीं। फिर भी अभी पुख्ता तौर पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। घटना की जांच कराई जा रही है।”

अब सवाल उठता है कि जिस दिन पहले पुलिस कमिश्नर को कार्यभार ग्रहण करना है, उसी दिन इन फाइलों में आग लगना, वह भी एसएसपी कार्यालय परिसर के ठीक पीछे, क्या यह महज इत्तेफाक हो सकता है? पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ने कहा, “अभी इतनी ज्यादा डिटेल में नहीं पहुंचे हैं। जांच के बाद ही कुछ विस्तृत और ठोस रूप से बोला जा सकेगा।”

आग लगना सवाल तो खड़े करता है

बहरहाल, पहले पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के कार्यभार ग्रहण करने से ठीक पहले इन फाइलों में आग लगना सवाल तो खड़े करता ही है। वह भी ऐसे हालात में, जब जिले के एसएसपी वैभव कृष्ण को राज्य की हुकूमत ने चंद दिन पहले ही सस्पेंड कर दिया है, जिन्होंने तमाम गुंडों पर एक साथ गैंगस्टर एक्ट लगाया था।

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