कल यानि रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है. इसमें देश-विदेश से कई नेताओं के पहुंचने की संभावना है. लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति तल्खियां कम नही हुई हैं. इसी बीच मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने शनिवार को साफ कर दिया है कि वह और उनकी पार्टी के नेता रविवार को होने वाले शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे.
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हार के बाद उचित यही था कि वे अपनी कुर्सी छोड़ देते
बंगाल की सीएम ममता ने कहा कि अभी तक उन्हें कोई निमंत्रण पत्र नहीं मिला है. अगर न्योता मिलता तो भी वह कार्यक्रम में शामिल होने नहीं जाती. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को कोई नहीं चाहता कि वे प्रधानमंत्री बनें. हार के बाद उचित यही था कि वे अपनी कुर्सी छोड़ देते.
शुभकामनाएं देने तक से किया इनकार
मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि वह माफी चाहती हैं लेकिन गैर संवैधानिक, गैर कानूनी पार्टी को सरकार बनाने के लिए वह शुभकामनाएं नहीं दे सकती हैं. आगे कहा कि उनकी शुभकामना देश के साथ रहेगी. वहीं पार्टी के सांसद को कहा कि वह अपनी पार्टी को और मजबूत बनाने को लेकर कार्य करें.
इंडिया गठबंधन को लेकर दिया यह बयान
ममता बनर्जी ने कहा कि जनादेश के बाद नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए. आज भले ही ‘इंडिया’ गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कल ऐसा नहीं होगा. टीएमसी प्रमुख ने कहा कि केंद्र को सभी राज्यों का बकाया चुकाना होगा. सीएए को रद्द किया जाना चाहिए. वहीं कहा कि उनकी पार्टी संसद में यह मांग उठायेगी.
बंगाल में टीएमसी ने जीती है 29 सीटें
बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बंगाल की 42 सीटों में से 29 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की. राज्य में मुख्य विपक्षी दल भाजपा की 18 सीट संख्या घट कर मात्र 12 रह गई, जबकि कांग्रेस को केवल एक सीट पर जीत मिली. बता दें कि टीएमसी और ममता बनर्जी के खिलाफ भाजपा ने पूरी शक्ति चुनाव में लगा दी थी. पीएम मोदी, अमित शाह समेत तमाम केन्द्रीय मंत्री और अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी प्रदेश में चुनाव प्रचार किया था.