अविश्वास प्रस्ताव से पहले शिवसेना ने BJP को दिया झटका
केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से ठीक पहले शिवसेना ने एनडीए को झटका (shock) दिया तो वहीं, बीजेडी के सदस्यों ने वॉकआउट कर विपक्षी एकता के सपने को चकनाचूर कर दिया। उधर, बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने भी कहा है कि वह सरकार के साथ है।
अविश्वास प्रस्ताव के दौरान वोटिंग से गैरहाजिर रहेगी
आपको बता दें कि भले ही अविश्वास प्रस्ताव के नतीजे सबको पता हों पर 2019 से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष इसे मतदाताओं तक पहुंचने के मौके के तौर पर भुनाना चाहता है। शिवसेना ने फैसला किया है कि वह अविश्वास प्रस्ताव के दौरान वोटिंग से गैरहाजिर रहेगी। शिवसेना ने कहा है कि मोदी सरकार ने 2014 में किए गए अपने वादों को पूरा नहीं किया और लोगों के अंदर सरकार के खिलाफ अविश्वास है।
जनता में भी होता है और हम जनता के साथ हैं
शुक्रवार को शिवसेना की संसदीय दल की बैठक में पार्टी चीफ उद्धव ठाकरे ने अपने सांसदों को वोटिंग से गैरहाजिर रहने का निर्देश दिया है। पार्टी हाइकमान की इस फैसले की जानकारी देते हुए संजय राउत ने कहा कि हम एनडीए में जरूर हैं लेकिन वोट नहीं करने का निर्णय हुआ है। संजय राउत ने कहा कि मोदी सरकार ने 2014 में जनता से किए गए वादे को पूरा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अविश्वास केवल सदन में नहीं, जनता में भी होता है और हम जनता के साथ हैं।
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संजय राउत ने मोदी सरकार पर केवल भाषणबाजी और जुमलेबाजी का भी आरोप लगाया। एक तरह से कहें तो शिवसेना ने बीच का रास्ता चुना है। शिवसेना ने अपनी नाराजगी को भी स्वर दिया है और यह भी सुनिश्चित किया है कि मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का नंबर गेम मजबूत न हो। आपको बता दें कि मोदी सरकार के खिलाफ आज संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस और वोटिंग होगी।
तीन घंटे और 33 मिनट का समय दिया गया है
11 बजे से चर्चा शुरू हो गई है। अविश्वास प्रस्ताव लानेवाला मुख्य दल तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने लोकसभा में इस पर चर्चा की शुरुआत की। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को प्रस्ताव पर अपने विचार रखने के लिए 38 मिनट का समय दिया गया है। सत्तारूढ़ बीजेपी को चर्चा में तीन घंटे और 33 मिनट का समय दिया गया है।
लोकसभा में प्रभावी संख्या 533 है, जिसमें स्पीकर भी शामिल
आपको बता दें कि गुरुवार को बीजेडी के सांसद बैजयंत पांडा का इस्तीफा स्वीकार किया गया था। इस हिसाब से लोकसभा में प्रभावी संख्या 533 है, जिसमें स्पीकर भी शामिल हैं। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 267 पर बनता है। शिवसेना के 18 सांसद हैं और अगर वोटिंग से ये गैरहाजिर रहते हैं तो सदन की प्रभावी संख्या घटकर 515 रह जाएगी। इस हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 258 पर आ जाएगा।साभार
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