विधानसभा चुनाव से पहले आतंकी हमले की तैयारी में एनएलएफटी
प्रतिबंधित संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले और चुनावों के दौरान हिंसा की योजना बना रहा है। इसकी जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने चार आत्मसमर्पण करने वाले आतंकवादियों के हवाले से दी। बांग्लादेशी ठिकानों से फरार हुए चार एनएलएफटी सदस्यों ने शनिवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के समक्ष आत्मसमर्पण किया। बीएसएफ ने उनको त्रिपुरा के धलाई जिले के रायशाबरी पुलिस थाने को सौंप दिया।
गिरफ्तार आतंकियों ने किया खुलासा
उपसंभागीय पुलिस अधिकारी जवाहर देबबर्मा ने कहा, “आत्मसमर्पण करने वाले आतंकवादियों ने कहा कि वे बीते सप्ताह अपने बांग्लादेशी शिविर से भागे। एनएलएफटी नेताओं ने अगले विधानसभा चुनावों के दौरान व उससे पहले हिंसा शुरू करने के लिए हाल में नई भर्ती शुरू की है। आत्मसमर्पण करने वाले यह चारों सदस्य नए भर्ती किए गए आतंकवादियों में से हैं।”
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लिबरेशन फ्रंट के नेता दे रहे प्रशिक्षण
आतंकवादियों ने पुलिस से कहा कि बांग्लादेश में एनएलएफटी नेता उन्हें हथियारों का प्रशिक्षण दे रहे हैं और उन्हें भरोसा दिया कि वे अगले विधानसभा चुनावों के बाद आत्मसमर्पण कर सकते हैं और उन्हें सरकारी नौकरियां मिलेंगी।
नरेश चकमा की गिरफ्तारी में जुटी पुलिस
इस बीच त्रिपुरा पुलिस एक अन्य गिरफ्तार एनएलएफटी आतंकवादी नरेश चकमा (34) को प्राप्त करने की कोशिश में जुटी है। चकमा अभी असम पुलिस की हिरासत में है।1997 में प्रतिबंधित किए गए एनएलएफटी का लक्ष्य त्रिपुरा को भारत से अलग करना है।
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