केंद्र सरकार की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित
निर्भया गैंगरेप केस में दोषियों की फांसी पर रोक मामले की दिल्ली हाईकोर्ट में रविवार को सुनवाई हुई। हालांकि अभी तक दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला नहीं सुनाया है।
दोषियों की फांसी पर रोक के खिलाफ याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
निर्भया के दोषियों को जल्द-से-जल्द फांसी पर लटकाने की मांग वाली केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
कानून के दुरुपयोग का आरोप-
केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर पटियाला हाउस कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग की है जिसमें निर्भया के दोषियों के डेथ वॉरंट पर अमल पर रोक लगा दी गई है।
सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दोषियों पर कानून के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
2012 में हुआ था रेप-
अपने मित्र के साथ जा रही एक पैरामेडिकल छात्रा के साथ एक निजी बस में छह लोगों ने बर्बरतापूर्वक सामूहिक दुष्कर्म करने और क्रूरतापूर्ण हमला करने बाद उसे जख्मी हालत में उसके दोस्त के साथ चलती बस से बाहर फेंक दिया गया। पीड़ितों को सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
29 दिसंबर को पीड़िता ने गंभीर चोटों और शारीरिक समस्याओं से जूझते हुए सुबह 2 बजकर 15 मिनट पर दम तोड़ दिया।
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