देश में पांव पसार रहा निपाह वायरस, केरल में दो की गई जान, जानें लक्षण और उपाय

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कोरोना पर जीत हासिल करने वाले भारत देश में एक बार फिर एक निपाह नामक खतरनाक वायरस ने दस्तक दी है, जिसकी चपेट में आने से केरल के दो लोगो की मौत भी हो गई है। जिसके बाद केरल में स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया गया है। आपको बता दें कि, केरल के कोझिकोड में बुखार के बाद दो लोगो की हुई अप्राकृतिक मौतों के चलते राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है, निपाह की आशंका के चलते एक मृतक के रिश्तेदार को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई थी। साल 2018 में पहले प्रकोप के दौरान कुल 23 मामलों की पहचान की गई थी और इसकी वजह से 17 लोगों की मौत हुई थी।

क्या होता है निपाह वायरस, कैसे फैलता है?

यह वायरस जानवरों से इंसानो में फैलने वाला खतरनाक वायरस है, साल 1999 में निपाह वायरस का पहला मामला मलेशिया में पाया गया था। इसके बाद सिंगापुर और बांग्लादेश में भी निपाह वायरस के मामले देखने को मिल रहे है। आपको बता दें, यह वायरस खास तौर पर चमगादड़ों और सूअर के माध्यम से इंसानो में फैलता है।

निपाह वायरस के लक्षण और उपाय

निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में तेज बुखार, सिरर्दद, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, एटिपिकल निमोनिया जैसे लक्षण देखने को मिलते है। वही यदि स्थित ज्यादा गंभीर हो जाती है तो, इन्सेफेलाइटिस का भी शिकार हो सकता है और 24 से 48 घंटे में कोमा में जा सकता है ।

इस वायरस के लक्षण किसी भी इंसान के शरीर में 5 से 14 दिन के भीतर दिख सकते हैं. लेकिन कुछ मामलों में ये 45 दिनों तक खिंच सकता है। ये वायरस से जुड़ा सबसे खतरनाक पहलू है क्योंकि आपको पता भी नहीं चलेगा और आप कई दूसरे लोगों को इस वायरस से संक्रमित कर देंगे। कुछ मामले ऐसे भी हो सकते हैं जहां पर व्यक्ति निपाह से संक्रमित हो, लेकिन उसमें कोई लक्षण दिखाई ना पड़े।

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निपाह वायरस की ऐसे करें पुष्टि

यदि आपकों कोई आशंका लग रही है या आप निपाह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते है तो, आप RT-PCR टेस्ट करवाया जा सकता है। इसके अलावा PCR, सीरम न्यूट्रिलाइजेशन टेस्ट और एलाइज़ा टेस्ट के जरिए इस वायरस की पहचान की जा सकती है।

निपाह वायरस को लेकर WHO ने कही ये बात

निपाह वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि , ‘निपाह वायरस संक्रमण एक जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से इंसान में फैलती है और दूषित भोजन के जरिये या सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है। निपाह वायरस से संक्रमित लोगों में सांस लेने की बीमारी और घातक एन्सेफलाइटिस समेत कई प्रकार की बीमारियों फैल सकती हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, यह घातक वायरस सूअरों जैसे जानवरों में भी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को महत्वपूर्ण आर्थिक नुकसान हो सकता है।’

भारत के 10 राज्यों फैल चुका है निपाह वायरस

पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिकों के निपाह वायरस को लेकर दूसरे सीरो सर्वे में 10 राज्यों के चमगादड़ों में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मिली हैं। इनमें गोवा, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय शामिल है। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और पुडुचेरी में पहले भी एंटीबॉडी मिली हैं।

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