NGT कोर्ट ने गंगा पार बनने वाली टेंट सिटी पर लगाई रोक
पर्यावरण विभाग और प्रदूषण नियंत्रण के अधिकारी कोर्ट में तलब
वाराणसी। गंगा पार टेंट सिटी पर एनजीटी कोर्ट ने अग्रिम आदेश तक 30 अक्टूबर तक लगाई रोक रोक के बाद टेंट सिटी पर लगा ग्रहण। तुषार गोस्वामी बनाम भारत सरकार के मामले में एनजीटी कोर्ट का आया फैसला। एनजीटी कोर्ट के 4 जजों के बेंच ने टेंट सिटी पर रोक लगाई साथ ही एनजीटी कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पर्यावरण विभाग के मुख्य सचिव और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को भी तलब किया है वाराणसी के जिला न्यायालय के अधिवक्ता तुषार गोस्वामी की तरफ से एनजीटी कोर्ट में याचिका लगाई गई थी इस केस को एनजीटी कोर्ट के अधिवक्ता सौरभ तिवारी देख रहे हैं उन्होने ही इस बात की जानकारी दी है। एनजीटी कोर्ट में अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होने वाली है।
नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा 3 सप्ताह में दाखिल करे जवाब
वराणसी में टेंट सिटी बनाए जाने का विरोध शुरू से ही होता रहा है इसको लेकर एनजीटी कोर्ट में एक याचिका फाइल की गई थी जिसमें यह मांग की गई थी कि रामनगर का क्षेत्र कछुआ सेंचुरी के लिए रिजर्व है फिर गंगा उसपार टेंट सिटी कैसे बसाई जा सकती है। वही दूसरी तरफ एनजीटी कोर्ट ने अपनी सुनवाई के दौरान नमामि गंगे को भी आड़े हाथों लेते हुए पूछा था कि एक तरफ तो गंगा की सफाई के लिए आप हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सब बर्बाद कर रहे हैं। एनजीटी कोर्ट ने नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा को 3 सप्ताह में जवाब फाइल करने का आदेश दिया है।
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एनजीटी कोर्ट ने वीडीए को भी लिया था आड़े हाथों
एनजीटी कोर्ट ने वाराणसी के वीडीए के अधिकारियों को भी तलब किया था और पूछा था कि टेंट सिटी से आम आदमी कैसे कनेक्ट हो सकता है एनजीटी कोर्ट में वीडीए ने अपने जवाब में कहा था कि टेंट सिटी आम लोगों को कनेक्ट करने की एक पहल है जिसपर कोर्ट ने पूछा था कि टेंट सिटी का किराया 40 से 50 हजार रुपये है फिर आम आदमी कैसे कनेक्ट हो सकता है यह केवल अमीरों को कनेक्ट करने का माध्यम है। एनजीटी कोर्ट ने वीडीए को इसपर फटकार भी लगाई थी।