राज्यसभा में चुनाव बाद भी भाजपा बहुमत से रहेगी दूर, 73 सीटें हो रहीं खाली

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एजेंसियां
राज्यसभा की 73 सीटें इस साल खाली होने वाली हैं पर भाजपा को बहुमत से दूर ही रहना होगा। माना जा रहा है कि 69 मेंबर्स का कार्यकाल खत्म होगा। पहले से ही चार सीटें खाली पड़ी हैं। भाजपा के 18 और कांग्रेस के 17 सदस्यों का कार्यकाल खत्म होगा।

माना जा रहा है कि इस साल उच्य सदन की 73 सीटों के लिए चुनाव कराए जाएंगे।

अब भी सहयोगी दलों का आसरा

उच्च सदन में अगर चुनाव होते भी हैं तो भाजपा को बहुमत नहीं मिलने जा रहा है।

उप्र से 10 सीटें खाली हो रहीं

इस साल अकेले उप्र से 10 सीटें खाली हो रही हैं। राज्य में भाजपा की सरकार है, इसलिए ज्यादातर सीटें भाजपा के खाते में जाएंगी। सबसे ज्यादा नुकसान यहां समाजवादी पार्टी को होगा।

अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजों का साफ-साफ असर राज्यसभा चुनाव पर पड़ेगा। राज्य विधानसभाओं का अंकगणित इस बार भाजपा के खिलाफ जा रहा है। आंकड़ों से साफ है कि भाजपा अपने सदस्यों की संख्या में इजाफा नहीं कर पाएगी, जिससे राज्यसभा में वह बहुमत से दूर ही रहेगी। जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की सदस्य संख्या बढ़ेगी।

भाजपा को कुछ राज्यों में हार का सामना करना पड़ा है

गौरतलब है कि 2018 और 2019 में भाजपा को कुछ राज्यों में हार का सामना करना पड़ा है, जिसका सीधा असर राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव परिणाम पर पड़ेगा।

दूसरी तरफ, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की स्थिति 245 सदस्यीय राज्यसभा में सुधरेगी। इस समय भाजपा के राज्यसभा में 83, और कांग्रेस के 46 सदस्य हैं। समीकरण के हिसाब से राज्यसभा में भाजपा की संख्या 83 के आसपास बनी रहेगी और सदन में बहुमत की उसकी आस फिलहाल पूरी नहीं हो पाएगी।

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी का कार्यकाल भी हो रहा है खत्म

इस साल राज्यसभा से कई दिग्गजों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इनमें केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, रामदास आठवले, दिल्ली भाजपा नेता विजय गोयल शामिल हैं। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार का भी कार्यकाल इसी साल खत्म हो रहा है।

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