कुदरत के कहर से बचाने वाले फरिश्ते हैं NDRF के जवान

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दुनिया का कोई न कोई देश आए दिन प्राकृतिक आपदा के कहर से जूझता रहता है। कहीं बाढ़, कहीं सूखा, तो कहीं तूफान अपनी जद में इंसानी जिंदगी को अपना निवाला बनाने में लगा रहता है। इन आपदाओं से निपटने के लिए सभी देश हरदम तैयार रहते हैं, इसके लिए सबकी अपनी-2 कुछ टीमें होती है जो इन प्राकृतिक आपदाओं के समय लोगों को बचाती हैं और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाती हैं। दूसरे देशों की तरह भारत में भी इन प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए NDRF का गठन किया गया है।

ये टीम जब भी कहीं प्राकृतिक कहर बरसता है तो लोगों के लिए फरिश्ता बनकर वहां पर पहुंच जाती है और अपनी जान की परवाह न करते हुए लोगों की जिंदगी बचाती है। जब भी देश के किसी भी कोने में बाढ़, बारिश और तूफान आ जाता है तो वहां मुसीबत में फंसे लोगों की जुबान पर सिर्फ एक ही नाम होता है NDRF, क्योंकि उस समय उन्हें पता होता है कि उनके लिए उनके मसीहा यही लोग है, ठीक उसी तरह से एनडीआरएफ की टीम भी पूरी ईमानदारी और जज्बे के साथ पीड़ितों की मदद में अपनी जान पर भी खेल जाते हैं, और उन्हें सुरक्षित बचाते हैं।

देश की एनडीआरएफ (NDRF) टीम देश के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही है, जिनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, असम, उड़ीसा, तमिलनाडू, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार और आंध्र प्रदेश हैं।

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‘एनडीआरएफ’ एक पुलिस बल

आपकों बता दें कि एनडीआरएफ, “राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और नागरिक सुरक्षा” एक पुलिस बल है जिसका गठन ”डिजास्टर मैनेजजमेंट ऐक्ट २००५” के कानून के तहत किसी आपातकाल या आपदा के समय हुआ था। जिसका उद्देश्य विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता के साथ संगठित हो कर प्रभावितों के भले के लिए काम करना है।

एनडीआरएफ (NDRF) एक ऐसी संस्था है जिसमें डीजी के साथ-साथ कई इंस्पेक्टर जनरल और उप-इंस्पेक्टर जनरल भी होते हैं जो सैन्य अधिकारियों की तरह की वेशभूषाएं और पदवियां धारण करते हैं। आपकों बता दें कि राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (एनडीआरएफ) एनडीएमए के अंतर्गत काम करती है। एनडीआरएफ के शीर्ष अधिकारी को डाएरेक्टर जनरल कहते हैं, जो भारतीय पुलिस बलों में से चुने जाते है। डाएरेक्टर जनरल सेना के तीन सितारे वाले जनरल की तरह वेशभूषा और चिन्ह पहनते हैं।

‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एथॉरिटी’ का संचालक देश का प्रधानमंत्री

भारत में आपदा प्रबंधन की संस्था एनडीएमए यानि ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एथॉरिटी’ है, जिसका संचालक देश का प्रधानमंत्री होता है। देश के आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी ‘राज्य सरकार’ के कंधे पर होती है और केंद्र में गृह मंत्रालय और भारत सरकार सभी राज्य इकाईयों में समन्वय का काम करती है।

देश में गंभीर आपदाओं की जिम्मेदारी ‘केंद्र सरकार’ की होती है कि वो देश के आपदा प्रभावित राज्य के आग्रह पर सैन्य बल, एनडीआरएफ, वैज्ञानिक उपकरण, आर्थिक मदद, केंद्रीय पैरामिलिट्री बल व अन्य तमाम तरह की विशाल स्तर की मदद राज्य में भेज दें और लोगों की सहायता करें।

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इस समय इन जगहों पर तैनात हैं टीमें

एनडीआरएफ की टीमें देश भर में 9 जगहों पर तैनात है। जिन इलाकों में आपदा आने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं वहां एनडीआरएफ की टीमों को पास रखा जाता है जिससे कि किसी आने वाली आपदा की सूचना मिलते ही ये बल प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच जाते हैं जिससे आने वाली मुसीबत से लोगों को बचाया जा सके।

12 राज्यों में 44 टीमें तैनात

अब आपकों बतातें हैं कि देश जिस प्राकृतिक आपदा से गुजर रहा है, उस हालात में देश के कई राज्यों में एनडीआरएफ टीम तैनात हैं। बाढ़ से प्रभावित 12 राज्यों में एनडीआरएफ की 44 टीमें तैनात की गई हैं। अभी तक असम और बिहार के बाढ़ से घिरे इलाकों से 894 लोगों को बचाया जा चुका है। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, यह जानकारी दी गई है।

बिहार में एनडीआरएफ की 22 टीमें, असम में एनडीआरएफ की 13 टीमें और इसके साथ-साथ महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, जम्मू एवं कश्मीर, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में तैनात की गई हैं। इन टीमों पर राहत एवं बचाव के काम में राज्य सरकार की मदद करने की जवाबदेही है। जो बाढ़ ग्रस्त इलाकों में लोगों की मदद कर रही हैं और लोगों की जान बचा रही हैं।

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