मैथ टीचर से टाप आतंकी कमांडर बना रियाज नायकू हुआ ढेर
अवंतीपोरा में सुरक्षा बल और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में मारा गया आतंकी
श्रीनगर : मैथ के टीचर से टाप आतंकी कमांडर बना रियाज नायकू Nayaku को सुरक्षा बलों ने आज मार गिराया। इस तरह सुरक्षा बलों ने हंदवाड़ा का बदला पूरा कर लिया।
सूत्रों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अवंतीपोरा में सुरक्षा बल और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ हुई है जिसमें अब तक दो आतंकियों की मौत हो गई है। सेना ने अपने एक संक्षिप्त बयान में कहा, “शहराली पुलवामा में एक और आतंकी मारा गया है, (कुल मिलाकर दो ढेर हुए हैं)। संयुक्त अभियान जारी है।”
आतंकियों ने की भारी गोलीबारी
इससे पहले, पुलिस ने कहा था कि शहराली ख्रेव इलाके में रात में मुठभेड़ की शुरूआत हुई थी। सुरक्षा बलों के पास इलाके में आतंकियों की उपस्थिति के बारे में पहले से जानकारी थी, जिसके चलते सेना और पुलिस द्वारा एक संयुक्त अभियान की शुरुआत की गई। एक घेरा बनाया गया, जिस पर छिपे हुए आतंकियों ने गोलीबारी की, जिससे बाद में मुठभेड़ की शुरूआत हुई।
मुजाहिदीन का टॉप कमांडर था
कश्मीर घाटी में इस एनकाउंटर को बड़ी कामयाबी के रूप मेें देखा जा रहा है। रियाज Nayaku हिज्बुल मुजाहिदीन का टॉप कमांडर था। सेना की लिस्ट में रियाज Nayaku को A++ कैटिगरी का आतंकवादी था और उसके सिर पर 12 लाख का इनाम था।
पुलिसवालों के परिजनों का करता था अपहरण
रियाज अहमद Nayaku (35 साल) बेहद कम वक्त में हिज्बुल का अहम हिस्सा बन गया था। पुलिस अफसरों के परिवार के लोगों का अपहरण, आतंकी के मरने पर बंदूकों से सलामी इन चलनों को उसने ही शुरू किया था, जिससे हिज्बुल और खतरनाक होता जा रहा था। अपनी छवि की वजह से नायकू ने कई कश्मीरी युवाओं को आतंक की राह पर चलाया।
पिता बोला- बेटा मर चुका है
पिछले साल रियाज अहमद Nayaku के पिता ने एक इंटरव्यू दिया था। वह बताते हैं कि बेटा Nayaku इंजीनियर बनना चाहता था। वह मैथ्स में अच्छा था और उसे कंस्ट्रक्शन के काम में भी रुचि थी। परिवार से बातचीत में पता चला कि पिता उसे उसी दिन मरा हुआ मान चुके थे जिस दिन वह हिज्बुल में शामिल हुआ।
परिवार पूरे इंटरव्यू में ऐसे बात करता रहा जैसे उनका बेटा तब (2018) में ही मर चुका हो। अपने बेटे को याद करते हुए पिता कहते हैं, ‘उसे 12वीं में 600 में से 464 नंबर आए थे। वह प्राइवेट स्कूल में मैथ भी पढ़ाने लगा था।’
ऐसे बन गया आतंकी
फिर ऐसा क्या हुआ कि स्कूल का टीचर अचानक एक आतंकी बन गया। यह सब शुरू हुआ साल 2010 में। उस साल प्रदर्शन में 17 साल के अहमद मट्टो की आंसू गैस का गोला लगने से मौत हो हई। उस मौत के बाद जैसे घाटी में काफी कुछ बदल गया। कई लोगों को पुलिस ने पकड़ा। नायकू भी उनमें से एक था। 2012 में उसे छोड़ा गया लेकिन तबतक वह बिल्कुल बदल चुका था।
Nayaku ने पिता से लिए 7 हजार और फिर..
फिर 2012 की ही एक रात भोपाल यूनिवर्सिटी में आगे की पढ़ाई के ऐडमिशन के लिए उसने पिता से 7 हजार रुपये लिए। फिर उस रात के बाद वह कभी नहीं दिखा। महीने भर बाद पता चला कि बेटा आतंकी बन गया है।
अपहरण दिवस जैसी साजिश रची
पुलिस पर प्रेशर बनाने के लिए अपहरण दिवस की शुरुआत Nayaku ने ही की थी। साउथ कश्मीर में इस दिन 6 पुलिसवालों के घर के 11 फैमिली मेंबर को अगवा कर लिया गया था। सभी को बाद में छोड़ दिया गया था। लेकिन बदले में नायकू के पिता को पुलिस कस्टडी से छुड़वाया गया था। नायकू ने ही गन सैल्यूट फिर से शुरू करवाया था। इसे आतंकी अपने कमांडर की मौत पर देते हैं। इसमें मरे हुए आतंकियों के अंतिम संस्कार के दौरान हवा में गोली चलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
बुरहान वानी के बाद सामने आया था नाम
30 साल का नायकू 2016 में बुरहान वानी की मौत के बाद वहां के लोगों के लिए आतंक का नया चेहरा बन गया था। वह अवंतीपोरा का ही रहनेवाला था। पिछले साल आतंकी सबजार भट की मौत के बाद उसे हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर या मुखिया बनाया गया था। इससे पहले भी उसे कई बार घेरा गया था लेकिन वह बचकर निकलने में कामयाब हो जाता था।
कश्मीरी पंडितों का किया था स्वागत
पिछले साल नायकू जब चर्चा में आया जब उसने एक वीडियो पोस्ट किया। वीडियो वह उसने कश्मीरी पंडितों का घाटी में स्वागत किया और कहा कि वे लोग (आतंकी) पंडितों के दुश्मन नहीं हैं।
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