एक्स को टक्कर नहीं दे पाया देशी ऐप कू, जल्द होगा बंद…

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माइक्रोब्लॉगिंग ऐप एक्स को टक्कर देने के लिए लाया गया देशी ऐप कू असफल रहा है और इसको लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. इसमें कंपनी ने इस एप को बंद करने का ऐलान किया है. इसको लेकर कू ऐप के फाउंडर अपरामेय राधाकृष्ण ने हाल ही में लिंक्डइन पर एक पोस्ट साझा किया है, जिसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया है. वहीं इस मामले से जुड़े हुए लोगों की बात को माने तो, इस ऐप को लंबे समय से मर्जर और इसकी बिक्री के लिए विभिन्न कंपनियों से संपर्क किया जा रहा था. वहीं अब जब मर्जर फेल की आस खत्म हुई और किसी कंपनी से बात नहीं बन पाई तो, कंपनी ने इस ऐप को बंद करने का फैसला लिया है.

लिंक्डइन पोस्ट में फाउंडर ने लिखी ये बात

कू के फाउंडर अपरामेय राधाकृष्ण ने लिंक्डइन पर पोस्ट में लिखा है कि, ‘चाहे वह सोशल मीडिया हो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो, स्पेस हो या इलेक्ट्रिक वाहन, भारत को इन क्षेत्रों में महत्त्वकांक्षी और पूरी दुनिया को चुनौती देने वाले उत्पाद पेश करने के लिए लॉन्ग-टर्म में कैपिटल की जरूरत होगी. उन्होंने यह भी कहा है कि, जब कोई कंपनी खुद को बड़ा कर ले तो उसे कैपिटल मार्केट पर छोड़ना नहीं चाहिए बल्कि रणनीतिक रूप से इनका ध्यान रखना चाहिए. साथ ही इन्हें लॉन्च होने के 2 साल के भीतर ही प्रॉफिट उगलने वाली मशीन नहीं समझना चाहिए.’

इसके अलावा कू ऐप को लेकर बात करें तो, बंद होने से पहले कंपनी के को फाउंडर ने एप को लेकर एक जानकारी साझा की है. कहा है कि कू ऐप पर हर महीने 10 मिलियन एक्टिव यूजर्स, 2.1 मिलियन डेली एक्टिव यूजर्स और 9 हजार से अधिक VIP अकाउंट्स थे.

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“कू ऐप की वैल्यूएशन”

कू ऐप ने “थ्री वन फोर” कैपिटल, एक्सेल और अन्य इन्वेस्टर्स से 66 मिलियन डॉलर का बड़ा निवेश किया, जिसके बाद उसका मूल्य 275 मिलियन डॉलर पहुंच गया था. कू ऐप से पहले अपरामेय राधाकृष्ण ने ‘टैक्सी फॉर श्योर’ बनाया था, जिसे 2015 में जानी-मानी कैब कंपनी ओला (Ola) ने खरीद लिया था.

 

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