चुनाव चिन्ह का बहिष्कार कर प्रत्याशी फोटो पर लड़ा जाएगा चुनाव: प्रताप चंद्रा

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राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष लोकेश मास्टर नें दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पहली लिस्ट जारी कर दी। उन्होंने बताया कि पार्टी के तहत चलने वाले लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के तहत कई सफल संघर्षों की श्रृंखला में EVM पर प्रत्याशी की फोटो लगाने का महत्वपूर्ण संघर्ष भी सफल हुआ है। सभी चुनावों में EVM पर प्रत्याशी की फोटो लगती है। अब चुनाव चिन्हों की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि प्रत्याशी अपने फोटो को चुनाव चिन्ह के रूप में प्रचार कर सकेंगे और वोटर अपने प्रत्याशी को पहचान कर वोट दे लेंगे। यही वयस्क मताधिकार है।

राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी पहली लिस्ट में इन 10 प्रत्याशियों की जारी की सूची

1- करावल नगर विधानसभा : विपिन तिवारी 2- मटियाला विधानसभा: मोहिंदर सिंह 3- मटिया महल विधानसभा : श्री दिलदार बेग 4- तुगलकाबाद विधानसभा: बीरपाल सिंह राठौर 5- देवली विधानसभा: जितेन्द्र नामदेव 6- महरौली विधानसभा: डीके चोपड़ा 7- कस्तूरबा नगर विधानसभा: महेश चन्द्र पाल 8- आदर्शनगर विधानसभा: सत्येन्द्र पाण्डेय 9- चांदनी चौक विधानसभा: अनिल कुमार 10- आर के पुरम विधानसभा: प्रताप चन्द्र

पार्टी महासचिव पवित्र श्रीवास्तव ने कहा कि लोकतंत्र को पार्टीतंत्र नें बंधक बना रक्खा है। आज तक जनता नें पार्टीतंत्र का माडल ही देखा है, जिसके तहत जन-प्रतिनिधि बन जाता है। प्रतिनिधि और जनहित में काम करने के बजाये दलहित में काम करता है। जबकि चुनाव प्रत्यशियों का होता है न कि चुनाव चिन्हों का। अब लोकतंत्र मुक्ति आन्दोलन के तहत “प्रत्याशियों का चुनाव चिन्ह उनकी फोटो” होगी यही जनता को बताया जायेगा और अपील होगी कि वो पहचान कर वोट दें। चुनाव-चिन्हों हाथी, कमल, पंजा, साइकिल, झाड़ू, लालटेन इत्यादि देश की सबसे महंगी बिकाऊ चीज है। क्योंकि चुनाव चिन्ह ही टिकट होता है, इसको हटने से वोटर अपने प्रत्याशी को पहचानने और प्रत्याशी खुद को वोटर के बीच पहचान कराने को बाध्य होगा।

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राष्ट्रीय राष्ट्रवादी पार्टी के लोकतंत्र का माडल

1- EVM मशीन पर लगी प्रत्याशी की फोटो ही उसका चुनाव-चिन्ह होगा जिससे जनता के प्रति जवाबदेह रहे न कि पार्टी के प्रति।

2- पार्टी व्हिप जारी नहीं करेगी जिससे जीता हुआ जनप्रतिनिधि, दलप्रतिनिधि न बन जाये पार्टी का गुलाम न बन सके और जनहित में काम करें।

3- जनप्रतिनिधि चुने जाने के बाद सिर्फ 1 पेंशन का ही हक़दार होगा(अभी जितनी बार जीतेगा उतनें पेंशन पाता है)।

4- प्रतिनिधि का चुनाव के समय घोषित संपत्ति एक जायज अनुपात से अधिक बढती है तो उसे राष्ट्र कि संपत्ति घोषित कर दी जाये।

5- चुने जाने के बाद जनप्रतिनिधि पार्टी का पधाधिकारी नहीं रहेगा और पार्टी हेतु प्रचार नहीं करेगा।

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