गुरमीत राम रहीम की मां ने संभाली डेरा सच्चा सौदा की कमान
साध्वी के साथ रेप के मामले में दोषी डेरा सच्चा सौदा चीफ गुरमीत राम रहीम 6 महीने से जेल में है। उसकी मां नसीब कौर अब इस विवाद की छाया से निकलकर डेरे को संभालने में लगी हुई हैं। कभी लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र रहे डेरे में इस विवाद के बाद लोगों का आना कम हो गया था। अब यह फिर से बढ़ रहा है।
भक्तों से मिलने के लिए हर हफ्ते डेरा आती हैं नसीब कौर
नसीब कौर हर सप्ताह राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गुरसर मोडिया गांव स्थित राम रहीम के पैतृक घर से कम से कम एक बार भक्तों से मिलने सिरसा डेरा मुख्यालय आती हैं। नसीब कौर अक्सर रविवार को आती हैं जब सिरसा में डेरा समर्थक ‘नाम चर्चा’ के लिए इकट्ठा होते हैं। कभी नाम चर्चा के दौरान हजारों लोग इकट्ठा होते थे। राम रहीम के जेल जाने के बाद से यह संख्या बहुत घट गई। अब फिर लोग नाम चर्चा के लिए पहले की तरह जुटने लगे हैं। राम रहीम के प्रवचन बड़ी स्क्रीन पर चलते हैं। बड़े पंडाल में बैठकर लोग इसे सुनते हैं।
जसमीत इंसा डेरे का अगला वारिस
नसीब कौर हालांकि कुछ बड़े कार्यक्रमों में दिखाई देती हैं लेकिन वह गुरसर मोडिया वापस लौट जाती हैं। वह अक्सर रोहतक की सुनारिया जेल जाती हैं जहां गुरमीत को जेल में बंद किया गया है। रेप मामले में गुरमीत राम रहीम को सीबीआई कोर्ट ने दोषी ठहराया था और वह 20 साल जेल की सजा काट रहा है। गुरमीत को दोषी ठहराए जाने के एक महीने बाद नसीब ने घोषणा की थी कि उनका नाती जसमीत इंसा डेरे का अगला वारिस होगा।
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2007 में लिया गया था फैसला
नसीब ने दावा किया कि जसमीत को वारिस नियुक्त करने का फैसला वर्ष 2007 में लिया गया था। उस समय गुरमीत पर सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह की नकल करने का आरोप लगा था। सिखों ने इसका विरोध किया था। नसीब का वारिस नियुक्त करने फैसला अब तक डेरा प्रमुखों की नियुक्ति की परंपरा से एकदम उलट है। अब तक किसी डेरा प्रमुख ने अपने बेटे को अपना वारिस नियुक्त नहीं किया था।
डेरा का चेहरा बनकर उभरी हैं नसीब कौर
पिछले कुछ महीनों में नसीब कौर डेरा का चेहरा बनकर उभरी हैं। अपने अच्छे दिनों में गुरमीत नसीब कौर को राजमाता कहकर बुलाता था। गुरमीत के कुछ प्रशंसक अभी भी उन्हें राजमाता के नाम से ही बुलाते हैं। नसीब और उनके परिवार के सदस्यों ने डेरा की 45 सदस्यीय कोर कमिटी का प्रभार संभाल लिया है। कमिटी के दो सबसे प्रभावशाली सदस्य इसकी अध्यक्ष विपासना इंसा और प्रवक्ता डॉक्टर आदित्य इंसा छिप गए हैं। इन पर हिंसा भड़काने का आरोप है। राम रहीम के शैक्षणिक संस्थान और अस्पताल फिर से खुल गया है। हालांकि सरकार की इस पर कड़ी नजर है।