पूर्ण सूर्य ग्रहण का अध्ययन करेंगे नासा के गुब्बारे
नासा आसमान में गुब्बारे भेजने के लिए अमेरिका में विद्यार्थियों की टीमों के साथ सहयोग कर रही है। यह कदम एक अत्यंत अनोखे एवं व्यापक ग्रहण अवलोकन अभियान का हिस्सा है। इस अभियान से पृथ्वी के अलावा जीवन के बारे में समझ बढ़ाने में मदद मिलेगी।
नासा के ‘इक्लिप्स बैलून प्रोजेक्ट’ की अगुवाई मोनटाना स्टेट यूनिवर्सिटी की एंजेला डेस जार्डिन कर रही हैं। इसके तहत 50 से ज्यादा ऊंचाई तक जाने वाले गुब्बारे भेजे जाएंगे, जो 21 अगस्त के पूर्ण सूर्य ग्रहण के सजीव फुटेज अंतरिक्ष एजेंसी की वेबसाइट को भेजेंगे।
नासा कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली के एमेस रिसर्च सेंटर के साथ कम कीमत के 34 गुब्बारे के प्रयोग के संचालन के लिए सहयोग करेगी। इन गुब्बारों को माइक्रोस्ट्रेट कहते हैं। ये धरती से परे जीवन की क्षमता का पता लगाएंगे।
read more : कफन में जेब नहीं होती, लेकिन कुकर्मो का दाग जरूर होता : लालू
जार्डिन ने कहा, “इंटरनेट पर संजीव स्ट्रीमिंग से हम दुनियाभर के लोगों को ग्रहण को खास तरह से अनुभव करने का मौका दे रहे हैं, भले ही वे सीधे ग्रहण नहीं देख पाएं।”
नासा ने इस ट्वीट में पूर्णिमा के दिन चांद वाले को पूरी दुनिया में किन नामों से जाना जाता है इसका जिक्र किया है। जिसमें गुरु पूर्णिमा का नाम सबसे ऊपर है। इसके अलावा हे मून, राइप कॉर्न मून, थंडर मून नाम भी बताए गए हैं। नासा ने इस पोस्ट के साथ ही चंद्रमा की एक बेहद खूबसूरत तस्वीर भी जारी की है। इस ट्वीट को 1 हजार बार रिट्वीट किया गया है और भारतीय नासा के इस ट्वीट को काफी पसंद कर रहे हैं।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)