म्यांमार में बौद्धों ने रोहिग्या के लिए मदद ले जा रही नाव पर पेट्रोल बम फेंका

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म्यांमार के हिसाग्रस्त राखिने राज्य में रोहिग्या मुसलमानों के लिए मदद ले जा रही एक नाव को रोकने के लिए बौद्धों की भीड़ ने उस पर पेट्रोल बम फेंके। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए चेतावनी में हवा में कई बार फायर किए। एक मीडिया रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई। बीबीसी ने बताया कि यह घटना बुधवार को हुई जब राखिने की राजधानी सिटवे में रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) की नाव में राहत सामग्री भरी जा रही थी।

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रोहिंग्या मुसलमानों को देश से भागने के लिए मजबूर कर दिया

सहायता सामग्री राखिने के लिए रवाना होने वाले थी, जहां आतंकवादी हमले के बाद एक सैन्य अभियान चलाया गया जिसने हजारों रोहिंग्या मुसलमानों को देश से भागने के लिए मजबूर कर दिया।अधिकारियों ने कहा, “भीड़ के पास कुछ डंडे और लोहे के राड थे और वे पेट्रोल बम फेंक रहे थे। पुलिसकर्मियों ने हवा में गोली चलाकर उन्हें तितर-बितर होने के लिए मजबूर कर दिया। इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

आईसीआरसी की प्रवक्ता ग्रेजीला लेइट पिकोली ने घटना की पुष्टि की है

आईसीआरसी की प्रवक्ता ग्रेजीला लेइट पिकोली ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सहायता कर्मियों ने लोगों को समझाया कि हम पारदिर्शता से काम करते हैं और यह राहत सामग्री उन सभी के लिए है जिन्हें इसकी जरूरत है। इसके बाद उन्हें सामान ले जाने दिया गया।

सैन्य कार्रवाई से रोहिग्या ने पलायन करना शुरू कर दिया

नाव अभी सिटवे में ही है। संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह घटना पहले से ही बेहद खराब हो चुकी सहायता वितरण को बाधित करेगी।म्यांमार में 25 अगस्त को अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) के विद्रोहियों ने पुलिस चौकियों पर हमला किया जिसमें12 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई। इसके बाद शुरू हुई सैन्य कार्रवाई से रोहिग्या ने पलायन करना शुरू कर दिया।

अब तक कम से कम 420,000 रोहिंग्या बांग्लादेश जा चुके हैं जिसे संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘जातीय सफाए का जीता जागता उदाहरण’ बताया।

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