50 पैसे की पहली कमाई से शुरू कर आज दो लाख रोजाना कमा रही ये महिला

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कहते हैं कोई भी इंसान किसी काम को पेट से सीख कर नहीं आता है। जो भी सीखता या करता है वो इसी धरती पर रहकर करता है। बस कुछ अंतर होता है, किसी को संसाधनों की कमी नहीं होती है तो कोई बिना संसाधनों के ही अपनी मंजिल पाने के लिए निकल पड़ता है और अपनी मुश्किलों को अपने संसाधनों में बदल देता है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें कुछ चीजें विरासत में मिल जाती हैं।

लेकिन ऐसा हर किसी के साथ तो नहीं हो सकता है। दुनिया में हर कोई सफलता पाना चाहता है और बुलंदियों के शिखर पर पहुंचना चाहता है। लेकिन मंजिल उन्हीं को मिलती है जो कुछ कर गुजरने का हौसला रखते हैं। क्योंकि किसी ने कहा है मंजिले उन्ही को मिलती है जिनके हौंसलो में जान होती है।

50 से 2 लाख तक पहुंची पैट्रिशिया

कुछ ऐसे ही हौसले और जुनून के साथ कामयाबी के शिखर पर पहुंचने वाली पैट्रिशिया की कहानी है जिन्होंने कभी 50 पैसे की नौकरी की थी और आज के समय में प्रतिदिन 2 लाख कमाती हैं। लेकिन पैट्रिशिया नारायण की कहानी बहुत दर्द भरी है जिसे जानकर आप भी भावुक हो जाएंगे। पैट्रिशिया एक गरीब फैमली से संबंध रखने वाली लड़की थीं।

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दूसरे जाति के लड़के से की शादी

उन्होंने अपने परिवार के खिलाफ जाकर अपनी शादी की लेकिन उनका ये फैसला शायद गलत साबित हो गया। क्योंकि उनका पति शराबी और नशे का आदि था। जिससे उनको काफी तकलीफे सहनी पड़ रही थी जिससे तंग आकर पैट्रिशिया ने पति का साथ छोड़ दिया और अपने मां-बाप के घर आ गईं।

घर पर अचार जैम बनाना शुरू किया

पैट्रिशिया(Patricia) सीधी और सरल लड़की थीं, उन्हें दुनियादारी से कोई मतलब नहीं था। अब घर के खर्च के लिए उन्हें कुछ तो करना ही था। लेकिन समस्या ये थी कि उन्हें खाना बनाने के सिवाय कुछ भी नहीं आता था। पैट्रिशिया ने घर पर ही कुछ करने का मन बनाया और अचार, जैम स्क्वैश बनाना शुरू किया और उसे बेचना शुरू कर दिया। पैट्रिशिया के सफलता की कहानी यहीं से शुरू हो गई।

पहले दिन हुई 50 पैसे की कमाई

धीरे-धीरे उनके पिता के एक दोस्त ने उन्हें ठेला दे दिया जिसपर सामान रखकर वो बेंच सकती थी। पैट्रिशिया ने अपना स्टॉल मरीना बीच पर लगाया और पहले दिन की कमाई मात्र 50 पैसे हुई जो सिर्फ एक कॉफी के बिकने के बाद हुई थी। इस कमाई से पैट्रिशिया को बहुत ही निराशा हुई लेकिन उनकी मां ने समझाया कि अभी उनको और मेहनत करने की जरुरत है।

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इसी के साथ ही जब दूसरे दिन उन्होंने अपना स्टॉल लगाया तो 600 रुपए की कमाई हुई। फिर धीरे-धीरे यही सिलसिला चलने लगा। पैट्रिशिया को देर रात तक टेला लगाना पड़ता था तो थोडड़ी दिक्कत होती थी लेकिन वो कभी इसके बारे में कहती नहीं थीं। एक दिन उनके एक ग्राहक ने पैट्रिशिया(Patricia) को एक स्लम बोर्ड की कैंटीन चलाने का ऑफर दिया।

कैंटीन का मिला ऑफर

पैट्रिशिया(Patricia) ने इसके लिए हां कर दिया और फिर इसी के साथ उनकी कमाई भी बढ़ गई प्रति महीने20 हजार रुपए हो गई। इसी के साथ ही एक के बाद एक काम मिलने लगे। इसके बाद कुछ समय के बाद उनको एक बहुत बड़े हादसे से गुरना पड़ा, नकी बेटी और दामाद की मौत एक कार एक्सीडेंट में हो गई। जिससे वो काफी टूट गईं।

आज 200 लोग कर रहे हैं काम

धीरे-धीरे स्थिति संभली और उन्होंने पहला रेस्टोरेंट अपनी बहन की याद में संदीपा नाम से खोला। जिसे उनका बेटा संभालने लगा। इसके बाद उन्हें कई सम्मान भी दिए गए। आज के समय में पैट्रिशिया(Patricia) के साथ करीब 200 लोग काम कर रहे हैं।

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