मुस्लिम महिलाओ ने किया शरीयत का समर्थन

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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में सोमवार को जमा हुईं मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि उन्हें तीन तलाक के मसले पर किसी की दखल बर्दाश्त नहीं है, उनके उलेमा, मौलवी जो तय करेंगे और शरीयत के मुताबिक जो तय होगा, उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने इस समर्थन में संकल्पपत्र भरवाने का अभियान भी शुरू कर दिया है। इससे पहले, रविवार को मुस्लिम पर्सन लॉ बोर्ड की बैठक हुई थी

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बोर्ड की महिला इकाई ने सम्मेलन का आयोजन किया

जिसमें सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ द्वारा तीन तलाक को लेकर दिए गए फैसले की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया गया। साथ ही सरकार पर मुस्लिम धर्म पर हमले का आरोप लगाया गया। अगले दिन सोमवार को इकबाल मैदान में बोर्ड की महिला इकाई ने सम्मेलन का आयोजन किया।

इस्लाम के मुताबिक ही निकाह होना चाहिए…

सम्मेलन में बोर्ड की सदस्य असमा जेहरा भी शामिल हुईं। इस मौके पर शहर के काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं शरीयत पर कायम रहेंगी और इस पर कोई समझौता बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने शरीयत में महिलाओं को दिए गए दर्जे का भी जिक्र किया और कहा कि इस्लाम के मुताबिक ही निकाह होना चाहिए।

शरीयत के मुताबिक चलना चाहती हैं महिलाए

सम्मेलन में हिस्सा लेने आईं महिलाओं ने संवाददाताओं से कहा कि वे अपनी जिंदगी से खुश हैं, वे शरीयत के मुताबिक चलना चाहती हैं, कुछ गिनती की महिलाओं के आधार पर कोई फैसला नहीं हो सकता।उन्होंने कहा, “हमारे मौलवी, काजी समाज की महिलाओं की जिंदगी के बारे में ज्यादा बेहतर तरीके से सोचते हैं, उनका फैसला हमारे हक में होता है, जो हमें मंजूर है।

महिलाओं ने कहा कि देश में भ्रम फैलाया जा रहा है, इसीलिए महिलाओं के अधिकार और उनकी राय के बारे में संकल्पपत्र भरवाने का अभियान शुरू किया गया है। सभी मुस्लिम महिलाएं इस संकल्पपत्र को भर रही हैं और चाहती हैं कि उनके धार्मिक और निजी मामलों में किसी की दखल न हो।

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