तीन तलाक पर सुनवाई, मुस्लिम महिलाओं ने बजरंग बली का किया पाठ
तीन तलाक को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है, यही नहीं पर्दे के पीछे रहने वाली मुस्लिम महिलाएं भी इसके विरोध में खुलकर सामने आने लगी हैं। वहीं समाज के ठेकेदार इसका विरोध भी कर रहे हैं। आज से यानी (11 मई) से सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ में तीन तलाक को लेकर सुनवाई होनी है। इससे देशभर की मुस्लिम महिलाओं में बेचैनी है। मुस्लिम महिला फाउंडेशन ने सुनवाई से एक दिन पहले बुधवार को वाराणसी के पातालपुरी मठ में तुलसीदास द्वारा स्थापित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया। तीन तलाक के संकट से मुक्ति के लिए मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने भगवान श्रीराम की आरती के बाद 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया।
हनुमान चालिसा का पाठ कर रही महिलाओं का कहना था मुझे यकीन है कि हनुमान जी तीन तलाक के संकट से जरूर मुक्ति दिलाएंगे। सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम महिलाओं की तकलीफ और दुर्दशा को समझेगी। हलाला जैसी कुप्रथा को कानूनन बलात्कार घोषित किया जाना चाहिए। तीन तलाक से मुक्ति के बाद ही मुस्लिम महिलाओं को सम्मान व अधिकार मिल सकेगा।
बता दें कि तीन तलाक गैर इस्लामी है, यह शैतान का रास्ता है। तीन तलाक देकर औरत की जिंदगी बर्बाद करने वाले धर्म को मानने वाले नहीं हो सकते। वहीं पातालपुरी मठ के पीठाधीश्र्वर बाबा बालकदास ने कहा कि जिस तरह के अत्याचार से मुस्लिम महिलाओं को सभ्य समाज में जूझना पड़ रहा है, वो अशोभनीय है। धर्म का काम विपत्ति में राह दिखाना है, शोषण करना नहीं।
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