मस्जिद में जुमे की बजाय घर में पढ़ें जोहर की नमाज
नई दिल्ली: कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन के बीच मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुसलमानों से मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा नहीं करने की अपील की है। एआईएमपीएलबी ने गुरुवार देर रात ट्वीट किया, “कोरोनावायरस महामारी के कारण मुसलमानों से मस्जिदों के बजाय घर में जुहूर करने की सिफारिश की जाती है। सामूहिक नमाज अदा करने के लिए बाहर नहीं निकलें। घर पर रहें, सुरक्षित रहें। साथी नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए ऐसा करना जरूरी है।” अन्य मुस्लिम निकायों ने भी यही अपील की है।
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जमात-ए-इस्लामी शरिया ने कहा था कि जुमे की नमाज इमाम, मुएजिन, खदीम और मस्जिद के प्रशासकों द्वारा की जानी चाहिए। आम लोगों को ‘जौहर’ नमाज घर पर अदा करनी चाहिए। शिया समुदाय के धर्मगुरुओं ने भी अनुयायियों से घर में बने रहने की अपील की है।
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मुंबई के इमाम मौलाना अशरफ ने कहा, “हमने पिछले सप्ताह से जुमे की नमाज और रोज की नमाज स्थगित कर रखी है। जैसा कि मुख्य उद्देश्य मानव जीवन बचाना और सरकार के निर्देशों का पालन करना है यह व्यवस्था जब तक सरकार चाहेगी तब तक जारी रहेगी। हम लोगों से मस्जिद के लाउडस्पीकर और सोशल मीडिया के जरिए घरों में रहने की अपील कर रहे हैं।” कश्मीर के मुफ्ती नसीर-उल-इस्लाम ने कहा कि उन्होंने भी जुमे की नमाज और रोज की नमाज स्थगित करने की अपील की है और इस्लाम ऐसा करने की इजाजत देता है।
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