ख्वाजा साहब अपना देश संभालें और हमारी फिक्र न करें : अख्तर

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इन दिनों वाराणसी में संकट मोचन संगीत समारोह की धूम है।  कार्याक्रम में संगीत जगत की महान हस्तियां  हिस्सा ले रही है। इसी क्रम में संगीतकार जावेद अख्तर ने भी शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में बहुत कुछ सही नही है। उन्होंने देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि देश में अभी सब कुछ ठीक नहीं है, लेकिन चीजों में सुधार हो रहा है और उम्मीद है कि सभी चीजें बहुत जल्दी सुधर जाएंगी।

देखिए ठीक-ठाक तो बहुत कुछ अभी नहीं है

जब जावेद अख्तर से देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर यह पूछा गया कि क्या आपको लगता है, यहां सब कुछ ठीक है? तो उनका कहना था कि देखिए ठीक-ठाक तो बहुत कुछ अभी नहीं है। मुझे बहुत सारी ऐसी बातें दिखाई देती हैं जो पहले कभी नहीं देखीं, लेकिन मैं इस बात पर विश्वास रखता हूं कि हर हिंदुस्तानी आम नागरिक है। जो इस देश में कभी एक्सट्रीम नहीं जा सकता है। वह थोड़ा-बहुत इधर-उधर चला जाए, लेकिन वह वापस अपने रूप में आ जाता है।

भगवान शंकर की प्रतिमा के पीछे से बोलते हैं

इसलिए मेरा मानना है कि यह सब 4 दिन की बातें हैं, यह गुजर जाएंगी।जावेद अख्तर ने कहा कि पहले बहुत सी ऐसी चीजें थीं, जो नहीं होती थीं, लेकिन अब देखने को मिल रही हैं। जैसे 1975 में जब ‘शोले’ फिल्म बनी तो उसमें धरम जी भगवान शंकर की प्रतिमा के पीछे से बोलते हैं, यह सीन आज नहीं हो सकता। इसी तरह से संयोग पिक्चर में ओम प्रकाश जी ने कृष्ण सुदामा के चरित्र का पूरा वर्णन गाने के जरिए कर दिया था। यह भी आज संभव नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले यह सब बातें सिर्फ कट्टर मुस्लिम करते थे।

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वहीं आज कुछ कट्टर हिंदू इस तरह की चीजें करने लगे हैं, जो अच्छा नहीं है और यह हमारे संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है। इस देश में जो सहनशीलता थी और जो होनी चाहिए और फिर होगी। हजारों साल से इस देश में हर विचार, हर सोच के लोग रहते हैं, लेकिन आज कहीं उसकी यहां कमी हो गई है। आज अगर आप उनकी मर्जी की बात नहीं करते हैं तो आप एंटी नेशनल हैं तो उन्होंने तय कर दिया है कि कौन सही है, कौन गलत। वहीं जावेद अख्तर से जब राम मंदिर निर्माण को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि वही डिसाइड करें, वहां क्या बनना है अगर मेरे पास मसला होता तो कोई विवाद ही न होता।

खुद के साथ दूसरों को भी हिंदुस्तानी समझते हैं

जावेद अख्तर ने कहा कि यह देश वही लोग समझे हैं और जो सही में हिंदुस्तानी हैं, जो हिंदुस्तानी को हिंदुस्तानी समझते हैं और खुद के साथ दूसरों को भी हिंदुस्तानी समझते हैं। वही सच्चे लोग हैं। जावेद अख्तर ने कहा कि हर मिट्टी का अपना रंग और मिजाज होता है और हर पौधा हर मिट्टी में नहीं हो सकता। इस देश की मिट्टी ऐसी है, अगर इसमें आप नफरत का पौधा लगाएंगे तो थोड़ा सा बढ़कर मुरझा जाएगा क्योंकि यह मिट्टी नफरत के पौधे के लिए नहीं बनी है। वहीं जावेद अख्तर ने राजनीति के कारण देश में बिगड़ रहे माहौल पर कहा कि यह राजनीति बहुत छोटी चीज होती है।

ख्वाजा साहब अपना देश संभालें और हमारी फिक्र न करें

असल बात है संस्कार जो जन्म से रहते हैं। अगर संस्कारों में गलती होगी तो गलत राजनीति आएगी। अगर संस्कार सही हैं तो राजनीति खराब नहीं होगी। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री की तरफ से सलमान खान पर दिए गए बयान पर जावेद अख्तर ने चुटकी लेते हुए कहा कि ख्वाजा साहब अपना देश संभालें और हमारी फिक्र न करें। इस देश ने सलमान खान को सुपरस्टार बनाया और एक अदालत ने उनको सजा दी है। मेरा मानना है कि यह अदालत का फैसला है और हम सब को उसका आदर करना चाहिए। अभी कोर्ट में मामला है इस बारे में बात करना उचित नहीं है।

इससे पहले जावेद अख्तर संकट मोचन संगीत समारोह में शामिल हुए और मंदिर के महंत प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र की तरफ से उन्हें शांति दूत का पुरस्कार भी दिया गया। मंच से जावेद अख्तर ने कहा कि मैं कुछ करूं या न करूं, कुछ मुल्लों मौलवियों को दिक्कत होने लगती है। इसलिए मेरा कहना है मैं क्या करता हूं क्या नहीं? यह मेरी जिंदगी है। उनको इससे क्या? जावेद अख्तर ने मंच से जहां तुलसी के दोहे पढ़े, वहीं अपनी लिखी शायरी की चार लाइनें पढ़ कर लोगों की वाहवाही लूटी।

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