प्रयागराज में ढेर हुए मुन्ना बजरंगी के गुर्गे, डिप्टी जेलर अनिल त्यागी हत्याकांड में थी तलाश
साल 2013 में वाराणसी जिला जेल के डिप्टी जेलर अनिल त्यागी को अलसुबह गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया था। सनसनीखेज मर्डर केस में आठ साल पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।
पुलिस ने मुख्य आरोपी अमजद उर्फ अंगद उर्फ पिंटू और वकील पांडेय उर्फ राजीव को एनकाउंटर में मार गिराया। इन दोनों की मौत के साथ ही पुलिस ने अपने जाबांज अधिकारी की हत्या का बदला पूरा किया।
मुन्ना बजरंगी के इशारे पर हुई थी हत्या-
डिप्टी जेलर हत्याकांड का सूत्रधार माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी को बताया जाता है। मुन्ना बजरंगी के ही कहने पर उसके गुर्गों ने डिप्टी जेलर को गोली मारी थी। इसके पीछे जो वजह बताई जाती है, वह है अनिल त्यागी की अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति।
जेल में अत्यधिक सख्ती के कारण ही वह मुन्ना बजरंगी के निशाने पर आ गए थे। बात उन दिनों की है जब अमजद और वकील के गिरोह का सरगना मुन्ना बजरंगी वाराणसी जिला जेल में बंद था। डिप्टी जेलर त्यागी के कड़क मिजाज और सख्ती से जिला जेल के बंदी खौफ खाते थे।
त्यागी की सख्ती के कारण मुन्ना बजरंगी के अलावा उससे जेल में मिलने आने वाले उसके गुर्गे भी खासे परेशान रहते थे। बजरंगी मोबाइल से अपने गुर्गों से बात भी नहीं कर पाता था। इसके लिए उसने कई बार डिप्टी जेलर त्यागी पर दबाव भी बनवाया, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ।
इससे आजिज आकर सलाखों के पीछे से ही मुन्ना बजरंगी ने डिप्टी जेलर की हत्या की साजिश रची। बजरंगी के इशारे पर सतीश उर्फ चंदन ने डिप्टी जेलर त्यागी की रेकी शुरू की।
मॉर्निंग वॉक के दौरान हुई थी डिप्टी जेलर की हत्या-
इसके बाद 23 नवंबर 2013 को पांडेयपुर क्षेत्र में जिम से रोजाना की तरह बाहर निकले डिप्टी जेलर त्यागी पर सरेराह अंधाधुंध फायरिंग कर अमजद, वकील, राजेश चौधरी और रिंकू सिंह ने उनकी हत्या कर दी।
इस वारदात को लेकर सात मई 2014 को कैंट थाने की पुलिस ने खुलासा किया कि मऊ निवासी रमेश सिंह काका सहित छह बदमाशों ने डिप्टी जेलर की हत्या की थी। हालांकि 9 जुलाई 2017 को एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने खुलासा किया कि डिप्टी जेलर की हत्या मुन्ना बजरंगी ने अपने गुर्गों अमजद, वकील, राजेश चौधरी और रिंकू सिंह से कराई थी।
वहीं, उत्तर प्रदेश एसटीएफ के सीओ ने बताया कि प्रयागराज के अरैल में दो बदमाशों की मुठभेड़ में मौत हो गई। इनकी पहचान वकील पांडे उर्फ राजू पांडे (50,000 का इनामी) और अमजद उर्फ पिंटू के रूप में हुई है। वाराणसी में 2013 में इन्होंने डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की हत्या कर दी थी।
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