बसपा का टिकट चाहिए तो लेकर आइए पांच करोड़ !
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को पूर्व विधायक मुकुल उपाध्याय को पार्टी-विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर बीएसपी से बाहर कर दिया। पार्टी से निकाले जाने पर मुकुल ने माया पर 2019 लोकसभा चुनाव के लिए टिकट देने के बदले 5 करोड़ रुपए मांगने का आरोप लगाया है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि जब अलीगढ़ सीट पर टिकट के बदले उन्होंने पैसे देने से मना कर दिया तो उनके भाई रामवीर ने कहा कि उनकी पत्नी सीमा चुनाव लड़ेंगी। उधर, पार्टी के जिला संयोजक रणवीर कश्यप ने बताया है कि मुकुल के खिलाफ पार्टी-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की शिकायतें थीं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुकुल का बीजेपी नेताओं के साथ उठना-बैठना था और वह बीजेपी के एक कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे। इस कारण उन्हें पार्टी से निकालने का फैसला लिया गया।
पार्टी के एक सदस्य ने बताया है कि अलीगढ़ से 2019 के चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन रामवीर अपने पत्नी को वहां टिकट दिलाना चाहते थे। सदस्य का कहना है कि जब मुकुल को टिकट मिलने की संभावना घटती दिखी तो वह बीजेपी नेताओं से संपर्क करने लगे। रामवीर की पत्नी सीमा 2009 में फतेहपुर से लोकसभा चुनाव जीती थीं लेकिन 2014 में बीजेपी के बाबू लाल से हार गई थीं।
भाई-भाभी पर लगाया आरोप
मीडिया से शुक्रवार रात बात करते हुए मुकुल ने अपने भाई और भाभी पर साजिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘मायावती ने मुझे अलीगढ़ से 2019 के चुनाव लड़ने देने की रजामंदी दी थी लेकिन बाद में टिकट के बदले मुझे 5 करोड़ रुपए देने के लिए कहा गया। जब मैंने कहा कि मेरे पास पैसे नहीं हैं तो मेरे भाई ने मुझपर चिल्लाना शुरू कर दिया और कहा कि वह पैसे देंगे और उनकी पत्नी चुनाव लड़ेंगी। वह मेरे राजनीतिक विकास से जलते हैं।’
उधर, कश्यप ने कहा है कि मुकुल झूठ बोल रहे हैं और पार्टी ने उनसे ऐसी कोई मां नहीं की है। राजनीति विश्लेषकों के मानना है कि मुकुल को बाहर करना किसी वक्त उन्हें बहुमत के साथ सत्ता में लाने वाली सोशल इंजनियरिंग को नुकसान पहुंचा सकता है।
मुकुल ने 2014 के लोकसभा चुनाव गाजियाबाद और 2017 के विधानसभा चुनाव शिकारपुर और बुलंदशहर से बीएसपी के टिकट पर लड़े और बीजेपी प्रत्याशियों से हार गए। उन्होंने अलीगढ़ में 2007 में भी चुनाव लड़ा था। बताया गया है कि बीएसपी सुप्रीमो पर रामवीर के अच्छे प्रभाव के कारण मुकुल को विधायक बनाया गया था। रामवीर को पश्चिम यूपी में बीएसपी के ब्राह्मण चेहरे के रूप में देखा जाता है। वह माया के कैबिनेट में ऊर्जा मंत्री रह चुके हैं। साभार
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