कोर्ट में सरेंडर कर सकती है मुख्तार की इनामिया पत्नी आफ्शा अंसारी

भाई के बयान और इस दिशा में प्रयास के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म

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लखनऊ से गाजीपुर तक पुलिस के लिए पिछले साल से चुनौती बनी मुख्तार अंसारी की पत्नी आफ्शा अंसारी के अदालत में आत्मसमर्पण की सभावनाएं बढ़ गई हैं. परिवारवालों के बयान और उनके इस दिशा में किये जा रहे प्रयास से इन बातों को बल मिला है. गौरतलब है कि मुख्तार का छोटा बेटा उमर अंसारी जेल में बंद भाई अब्बास अंसारी, फरार चल रही मां आफ्शा अंसारी और भाभी निकहत को साथ लाने की कोशिश में है. उसने भाभी निकहत के साथ कासगंज जेल में बंद भाई अब्बास अंसारी से मुलाकात कर उसे ढांढस बंधाया था.

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चर्चा है कि वह अब्बास को पैरोल पर जेल से बाहर निकालने की कोशिश में है. बता दें कि गाजीपुर पुलिस प्रशासन की ओर से 50 हजार और मऊ पुलिस की ओर से 25 हजार की इनामिया आफ्शां को भी सामने लाने का प्रयास कर रहा है. उमर अंसारी ने पिछले दिनों मीडिया से बातचीत में कहा था कि पिता की मौत के बाद मां नहीं पहुंच पाई थी. हम कानूनी तरीके से लड़ाई के लिए तैयार हैं. इसलिए यह कयास लगाया जा रहा है कि आफ्शा जल्द ही सामने आ सकती है.

अफजाल ने कहा था- आफ्शा को सरेंडर कर देना चाहिए

वहीं, मुख्तार अंसारी के भाई और सांसद अफजाल अंसारी ने भी दो दिन पहले कहा था कि मुख्तार अंसारी की पत्नी आफ्शा को कोर्ट में सरेंडर कर देना चाहिए. उनके वकील कोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया अपनाएं. यह भी कहाकि अब्बास अंसारी पर कोई गंभीर केस नहीं है. वह जल्द ही जेल से बाहर होगा. इसमें आफ्शा के सरेंडर करने की आशंकाएं बढ़ गई हैं. गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी और उसकी पत्नी के नाम दर्जी मोहल्ले में एक मकान है. इस पर स्थानीय पुलिस न्यायालय की नोटिस चस्पा कर और डुगडुगी पिटवाकर लौट जाती है. जमीन की खरीद फरोख्त, फर्जी तरीके से भूमि पर कब्जा कर आर्थिक लाभ लेने के अलावा रसूख के बल पर सरकारी भूमि को अपने नाम कराने जैसे कई मामलों को लेकर आफशां अंसारी पर लखनऊ के अलावा गाजीपुर और मऊ में मुकदमे दर्ज हैं. मऊ पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है. गाजीपुर और मऊ पुलिस प्रशासन की ओर से उसकी गिरफ्तारी पर 75 हजार का इनाम है.

कभी सम्भलती थी मुख्तार गैंग की कमान

वर्ष 2005 में मुख्तार के जेल जाने के बाद अफ्शा ने उसके काले साम्राज्य को भी टेकओवर कर लिया था. बच्चों के बड़े होने के बाद मुख्तार के गैंग आईएस- 191 की कमान उसने अपने हाथों में ले ली थी. अफ्शा अंसारी के विरूद्ध विभिन्न थानों में कुल 11 मुकदमे दर्ज हैं. बाद में वह मुख्तार की रिवॉल्वर वाइफ के रूप में भी जानी जाने लगी थी.

पिता के जनाजे में शामिल नहीं हो पाया था अब्बास

मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी मऊ विधानसभा सीट से विधायक है. पिछले साल ही उसे चित्रकूट जेल से कासगंज जेल में शिफ्ट किया गया था. अब्बास अंसारी ने पिता के जनाजे में शामिल होने के लिए अदालत से गुहार लगाई थी. मगर उसे पेरोल नही मिल सकी. इसके कारण वह आखिरी समय में पिता का दीदार नहीं कर पाया. पिता के मौत के बाद अब्बास अंसारी ने पांच मिनट के लिए पत्नी निकहत से बात की थी. इस दौरान वह बिलखने लगा था. उसने पत्नी से पिता के जनाजे और उन्हें दफन किए जाने की जानकारी ली थी. पत्नी से बात करने के बाद बैचेन हो गया और बैरक में टहलता दिखाई दिया था.

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