मुख्तार को एक और मामले में 10 साल की सजा, एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला
वाराणसी: गैंगस्टर मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी को गाजीपुर एमपी/एमएलएकोर्ट अरविंद कुमार मिश्र ने सजा सुना दी है। मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना से दंडित किया गया है। इसी मामले में दूसरे दोषी सोनू यादव को पांच साल की सजा और दो लाख का जुर्माना लगा है।बता दें कि गुरुवार को गैंगस्टर मामले में आरोपी मुख्तार अंसारी और उसके शार्गिंद सोनू यादव को दोषी करार दिया गया था। कोर्ट ने सजा निर्धारण के लिए शुक्रवार की तारीख मुकर्रर की थी। इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्तार बांदा जेल से न्यायालय में पेश हुआ जबकि सोनू यादव न्यायालय में मौजूद था।वर्ष 2009 में गाजीपुर के करंडा क्षेत्र के सबुआ निवासी कपिल देव सिंह की हत्या तथा मुहम्मदाबाद के अमीर हसन की हत्या के प्रयास के मामले को आधार बनाकर मुख्तार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। एमपी-एमएलए कोर्ट में गत 17 अक्टूबर को दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई थी। गौरतलब है कि भाजपा विधायक कृष्णा नंद राय की हत्या के बाद वर्ष 2008 में दर्ज गैंगस्टर मामले में विगत 29 अप्रैल को एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई थी। साथ ही चार लाख का जुर्माना भी लगाया था।
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पहले भी हो चुकी है सजा
मुख्तार अंसारी को अब तक छह मामलों में सजा हुई है। 29 अप्रैल 2023 को 10 वर्ष के सश्रम कारावास व पांच लाख अर्थदंड की सजा दी गई। दिसंबर 2022 में गैंगस्टर के मामले में कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। वहीं, लखनउ हाईकोर्ट से दो मामलों में फैसला सुनाया जा चुका है।
वाराणसी में दो केस में चल रही सुनवाई
वाराणसी में विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए अवनीश गौतम की कोर्ट में कूट रचित तरीके से शस्त्र का लाइसेंस जारी करने के मामले में सुनवाई चल रही है। चार सितंबर 1990 में मोहम्मदाबाद में थाने में फर्जी तरीके से असलहा के लाइसेंस जारी करने के मामले में रिपार्ट दर्ज कराया गया है। इस मामले में रिपार्ट दर्ज कराया गया है। इस मामले में पहले पुलिस ने विवेचना की थी। बाद में सीबीसीआईडी को विवेचना सौंप दी गई थी।