मुख्तार अंसारी के शूटर रहे अंगद और गोरा राय को सजा
गाजीपुर जेल में झाड़ू लगानेवाले को मारापीटा और गवाह को दी जान से मारने की धमकी
गाजीपुर जेल में मारपीट और गवाह को धमकी देने के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट शक्ति सिंह की अदालत ने जिले के टाप-10 अपराधियों की सूची में शामिल व मुख्तार अंसारी के शूटर रहे अंगद राय व गोरा राय को पांच-पांच साल की सजा और दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
Also Read: सपा नेता आजम खान को बड़ी राहत, डूंगरपुर मामले में बरी…
अभियोजन के अनुसार जितेंद्र राम जिला कारागार गाजीपुर में निरूद्ध था. अंगद और गोरा जिला जेल के बैरक नंबर 10 में बंद थे, जहां कभी मुख्तार अंसारी को रखा जाता था. जितेंद्र बैरक में रोजाना झाड़ू लगाने जाता था. परंतु फोड़ा होने के कारण जितेंद्र सफाई करने नही गया. इस पर अंगद और गोरा राय ने 22 अप्रैल 2009 को उसे बुलाया और जमकर पिटाई कर दी. इससे उसका बायां हाथ टूट गया. जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया गया और जान से मारने की धमकी दी गई. इसके बाद जितेंद्र की सूचना पर थाना कोतवाली में अंगद और गोरा के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ. पुलिस ने इस मामले की जांच के बाद दोनों आरोपितों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया. आरोप है कि विचारण के दौरान गवाही के समय गवाह प्रमोद गिरी उर्फ पप्पू गिरी को गवाही न देने के लिए जान से मारने की धमकी दी जाने लगी. इस पर गवाह ने भी आरोपितों के खिलाफ थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया. मामले की गंभीरता को देखते हुए गवाह को सुरक्षा मुहैया कराई गई. तब जाकर गवाह का न्यायालय में बयान दर्ज हुआ. मुकदमे में कुल 7 गवाहों की गवाही हुई.
मुख्तार गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा अंगद राय
बता दें कि अंगद राय बिहार की भभुआ जेल में बंद था, जबकि गोरा राय को आरोप सिद्ध होने के बाद हिरासत में लिया गया था. अंगद राय और गोरा राय पर गाजीपुर की जेल में रहने के दौरान बंदी जितेंद्र राम को मारने पीटने और जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल का आरोप था. अदालत ने धारा 323 में एक साल, 504, 506 में 2-2 साल और एससी/एसटी की धारा 310 में 5 साल की सजा सुनाई है. सजा सुनाये जाने के बाद अंगद राय और गोरा राय को जेल भेज दिया गया. यह भी बता दें कि अंगद राय बिहार की भभुआ जेल में बंद था, जहां उसका मामला खत्म हो चुका है. गोरा राय जमानत पर बाहर था और 7 जून को जब कोर्ट में आरोप सिद्ध हो गया तब उसे हिरासत में ले लिया गया था. अंगद राय पुलिस रिकार्ड में दर्ज माफिया मुख्तार अंसारी के आईएस-191 गैंग का सक्रिय सदस्य था. वह शेरपुर गांव का रहने वाला है. अंगद राय शराब तस्करी के मामले में बिहार की भभुआ जेल में बंद हुआ था. अंगद को पहले ही एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है. विगत एक साल से कुछ ज्यादा वक्त से वह बेल पर रिहा था. अंगद राय पर भांवरकोल, मुहम्मदाबाद, बरेसर, शहर कोतवाली और नंदगंज थाना में दर्ज मामलों को जोड़ा जाए तो उसके खिलाफ कुल 12 संगीन मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार अंगद राय की क्राइम फाइल मोटी है.