मां काम वाली और पिता मजदूर पर बेटा हो गया दुनिया में मशहूर, जानें लियोनेल मेसी के बारे में
फीफा वर्ल्ड कप 2022 के फाइनल में फ्रांस को हराकर अर्जेंटीना ने तीसरी बार वर्ल्ड कप जीत लिया है. इस चमत्कार के लेखक लियोनेल मेसी हैं, जिन्होंने अपने दमपर टीम को चैम्पियन बनाया और 36 साल के बाद अर्जेंटीना का सपना पूरा कर दिया. अर्जेंटीना साउथ अमेरिका के सबसे दक्षिण में बसा ये देश आज खुसी में झूम रहा है. दुनिया में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले खेल का ख़िताब जीतकर अर्जेंटीना ने इतिहास रच दिया है. आज के समय में अर्जेंटीना का हर वो नागरिक उस सख्स के साथ खड़ा है जो उस देश की सबसे बड़ी पहचान है जिसने एक बिखरे हुए देश को नई उम्मीद दी. नाम है लियोनेल मेसी
पिता देते थे एक क्लब को कोचिंग :
लियोनेल मेसी के पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे, जबकि मां सफाई का काम करती थीं. हालांकि, फुटबॉल का माहौल घर में था क्योंकि पिता भी एक क्लब को कोचिंग देते थे. ऐसे में लियोनेल मेसी खुद 5 साल की उम्र में एक क्लब के साथ जुड़ गए, जहां उन्होंने इस खेल के बेसिक्स को सीखा. 8 साल की उम्र में मेसी ने अपना क्लब चेंज किया और न्यूवैल ओल्ड बॉयज़ क्लब से जुड़े. लेकिन कुछ वक्त बाद एक ऐसी घटना घटी, जिससे हर कोई हैरान रह गया.
11 साल की उम्र में हुआ था ग्रोथ हार्मोन डेफिशिएंसी :
जब वो सिर्फ 11 साल के थे तो उन्हें ग्रोथ हार्मोन डेफिशिएंसी की बीमारी हो गई थी। यह एक ऐसी कंडीशन है जिसमें शरीर के अंदर अपर्याप्त मात्रा में ग्रोथ हार्मोन बनने लगता है। इससे बच्चे का विकास और वृद्धि रूक जाती है। इस बीमारी का असर अगर मेसी पर होता तो शायद दुनिया एक शानदार फुटबॉलर से मिल नहीं पाती लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि उन्हें महज 12 साल की उम्र से रोज राज को टांग में ग्रोथ हार्मोन का इंजेक्शन लगाया जाता था। इस सबके बावजूद मेस्सी ने 13 साल की उम्र में एफसी बारसेलोना क्लब साइन किया था और वही उसकी मेडिकल ट्रीटमेंट का भी खर्चा उठाते थे।
इस तरह करियर हुआ शुरू:
बार्सिलोना फुटबॉल क्लब के स्पोर्टिंग डायरेक्टर कार्ल्स रैज़ैक को लियोनेल मेसी के बारे में पता लगा, क्लब ने उन्हें साइन कर लिया. साथ ही बीमारी की दवाइयों और इलाज का पूरा खर्चा देने की बात कही. बस शर्त इतनी थी कि मेसी को अर्जेंटीना छोड़ बार्सिलोना शिफ्ट होना था. परिवार इसपर राजी हो गया है और इस तरह लियोनेल मेसी के प्रोफेशनल फुटबॉल करियर की शुरुआत हुई. 2001-2002 का वक्त लियोनेल मेसी को यूरोप में सेटल होने, क्लब ट्रांसफर की औपचारिकताएं पूरी करने में ही निकल गया. लेकिन वह बार्सिलोना बी टीम में चुने गए, इस दौरान उन्होंने लगभग हर मैच में एक ना एक गोल तो किया ही. ऐसे में सीजन में | उन्होंने 30 मैच में कुल 35 गोल कर दिए. 14 साल की उम्र में लियोनेल मेसी इस टीम का हिस्सा रहे और आगे बढ़ते गए. मेसी छोटी लीग में नाम कमा रहे थे और बेहतर होते जा रहे थे. करीब 17 साल की उम्र में लियोनेल मेसी ने 2004-05 में बार्सिलोना क्लब के लिए अपना डेब्यू कर दिया. वह तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने, जिन्होंने बार्सिलोना के लिए फुटबॉल खेला. 1 मई 2005 को लियोनेल मेसी ने सीनियर टीम के लिए अपना पहला गोल दागा, 24 जून को लियोनेल मेसी ने बतौर सीनियर प्लेयर बार्सिलोना के साथ अपना कॉन्ट्रेक्ट साइन किया और उसके बाद जो हुआ वह इतिहास है.
मेसी का विश्व कप सफर:
मेसी का विश्व कप का सफर 2006 में शुरू हुआ और अब तक वह सबसे ज्यादा 25 मैच खेल चुके हैं. विश्व कप के इतिहास में अर्जेंटीना के लिए सर्वाधिक 11 गोल कर चुके हैं. उम्र को धता बताकर इस विश्व कप में चार गोल, दो में सूत्रधार की भूमिका निभाने के बाद तीन ‘मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर’ के पुरस्कार जीत चुके हैं.
रोसारियो में 1987 में एक फुटबॉल प्रेमी परिवार में जन्मे मेसी ने पहली बार घर के आंगन में अपने भाइयों के साथ जब फुटबॉल खेला तो किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में उनका नाम शुमार होगा. बार्सिलोना के लिए लगभग सारे खिताब जीत चुके पेरिस सेंट जर्मेन के इस स्टार स्ट्राइकर ने 2004 में बार्सिलोना के साथ अपने क्लब करियर की शुरुआत 17 वर्ष की उम्र में की. उन्होंने 22 वर्ष की उम्र में पहला बलोन डिओर जीता. अगस्त 2021 में बार्सिलोना से विदा लेने से पहले वह क्लब फुटबॉल के लगभग तमाम रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके थे.
मेसी ने विश्व कप में पदार्पण 2006 में जर्मनी में सर्बिया और मोटेनीग्रो के खिलाफ ग्रुप मैच में किया, जिसे देखने के लिए माराडोना भी मैदान में मौजूद थे. 18 वर्ष के मेस्सी 75वें मिनट में सब्स्टीट्यूट के तौर पर मैदान पर उतरे थे.
Also Read: फीफा वर्ल्ड कप: अर्जेंटीना ने रचा इतिहास, 36 साल बाद बना फुटबॉल चैंपियन