भारतीय सेना को जल्द मिलेगी ‘अग्नि-5’ मिसाइल की ताकत

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भारत के शस्त्रागार में सबसे शक्तिशाली हथियार शामिल होनेवाला है। जल्द ही अंतर-महाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइल प्रणाली ‘अग्नि-5’ के पहले बैच को भारतीय सैन्य बलों के सुपुर्द कर दिया जाएगा। इससे भारतीय सेना की ताकत और बढ़ जाएगी। भारत के लिए यह मिसाइल कितनी महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ‘अग्नि-5’ की मारक क्षमता के दायरे में पूरा चीन आता है। ऐसे में अग्नि-5 से चीन के किसी भी इलाके को टारगेट किया जा सकेगा।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 5,000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली यह मिसाइल प्रणाली परमाणु हथियार भी ले जा सकती है। इस मिसाइल प्रणाली को स्ट्रैटिजिक फोर्सेज कमांड (SFC) में शामिल करने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि देश के सबसे अत्याधुनिक हथियार को SFC को सौंपे जाने से पहले कई परीक्षण किए जा रहे हैं।

रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस मिसाइल से पेइचिंग, शंघाई, गुआंगझाऊ और हॉन्ग कॉन्ग जैसे शहरों समेत चीन के किसी भी इलाके को टारगेट किया जा सकता है। आपको बता दें कि पिछले महीने भी अग्नि-5 का ओडिशा तट से सफल परीक्षण किया गया था। सूत्रों का कहना है कि SFC में शामिल किए जाने से पहले कई अन्य परीक्षण अगले कुछ हफ्तों में होनेवाले हैं।

परमाणु हथियार ले जाने में और भी बेहतर

अग्नि-5 प्रोग्राम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, ‘यह एक सामरिक संपत्ति है जो दूसरे देशों के लिए डिटरेंट का काम करेगी। हम इस स्ट्रैटिजिक प्रॉजेक्ट के अंतिम चरण में हैं।’ उन्होंने कहा कि अपनी श्रृंखला में यह सबसे आधुनिक हथियार है जिसमें नेविगेशन के लिए मॉडर्न टेक्नॉलजीज हैं और परमाणु हथियार ले जाने की इसकी क्षमता दूसरी मिसाइल प्रणालियों से कहीं ज्यादा बेहतर है।

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सूत्रों ने बताया है कि अग्नि-5 का पहला बैच जल्द ही एसएफसी को सौंप दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने इस परियोजना के बारे में इससे ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। भारत के जंगी बेडे़ में इस मिसाइल को ऐसे समय में शामिल किया जा रहा है जब पड़ोसी देशों से सुरक्षा चुनौतियां बरकरार हैं।

किन देशों के पास है ऐसी मिसाइल

इस समय अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और नॉर्थ कोरिया के पास ही अंतरमहाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइल है। फिलहाल भारत के शस्त्रागार में अग्नि-2 (रेंज-700 किमी), अग्नि-2 (रेंज 2000 किमी), अग्नि-3 और अग्नि-4 (जिसकी रेंज 2500 किमी से लेकर 3500 किमी तक) है।

2012 में हुआ था पहला टेस्ट

अग्नि-5 का पहला टेस्ट 19 अप्रैल 2012 को किया गया था। दूसरा टेस्ट 15 सितंबर 2013, तीसरा 31 जनवरी 2015 और चौथा परीक्षण 26 दिसंबर 2016 को किया गया था। पांचवां टेस्ट 18 जनवरी को किया गया और सभी सफल रहे।

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