लोकसभा चुनाव से पहले भागवत मंत्र
संघ प्रमुख मोहन भागवत अयोध्या में राम मंदिर और लोकसभा चुनाव की रणनीति एक साथ अगले वर्ष जनवरी में कानपुर में बैठकर बनाएंगे। वह एक सप्ताह के प्रवास पर यहां 23 जनवरी से 1 फरवरी तक रहेंगे। इस दौरान वह संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश के स्वयं सेवकों को भी दिशानिर्देश देंगे। इस दौरान भाजपा के पदाधिकारी, प्रदेश व केंद्र सरकार के मंत्री, सांसद और विधायक भी उनसे मुलाकात करेंगे।
भागवत की बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा
जिस समय संघ प्रमुख महानगर में रहेंगे, उस समय उनके सामने कई महत्वपूर्ण बिंदु होंगे, जिनके ऊपर मंथन होगा। पहला बिंदु है देश के तीन प्रमुख राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुए चुनाव और उसके परिणाम से बना राजनीतिक और सामाजिक माहौल, दूसरा बिंदु होगा आगामी लोकसभा चुनाव, तीसरा और महत्वपूर्ण बिंदु होगा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू करना।
जाहिर सी बात है कि यह तीनों बिंदु पूरे देश को प्रभावित करेंगे। ऐसे में संघ प्रमुख का यह प्रवास हर मायने में काफी महत्वपूर्ण है। संघ और भाजपा की कोर टीम और केंद्र व प्रदेश सरकार की मशीनरी का मुख्य केंद्र भी कानपुर होगा। हर लिहाज से साल के शुरुआत में कानपुर देश और दुनिया की नजर में रहेगा। संघ प्रमुख का प्रवास कहां होगा, इसके लिए स्थान चयन की प्रक्रिया चल रही है। अभी तीन स्थानों पर विचार किया जा रहा है। पहला बीएनएसडी शिक्षा निकेतन, दूसरा बिठूर स्थित महाराणा प्रताप कालेज, तीसरा नारायणा इंजीनियरिंग कालेज।
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चार प्रांतों के संघ पदाधिकारी जुटेंगे
संघ प्रमुख मोहन भागवत के प्रवास के दौरान पूर्वी उप्र से जुड़े संघ के चार प्रांतों गोरखपुर, काशी, अवध और कानपुर प्रांत के पदाधिकारी, स्वयं सेवक भी महानगर में प्रवास करेंगे, जिसमें प्रमुख रूप में क्षेत्र संघ चालक वीरेंद्रजीत सिंह, क्षेत्र प्रचारक अनिल, प्रांत प्रचारक संजय, सह प्रांत प्रचारक श्रीराम सिंह, गोरखपुर प्रांत प्रचारक मुकेश, काशी प्रांत प्रचारक रमेश, अवध प्रांत प्रचारक कौशल के अलावा कानपुर प्रांत संघ चालक ज्ञानेंद्र सचान, सभी विभाग प्रमुख, सह प्रमुख के अलावा अन्य पदाधिकारी जुटेंगे।