#Metoo केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने दिया इस्तीफा
मीटू अभियान की चपेट में आए भाजपा के केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने इस्तीफा दे दिया है। काफी दिनों से यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते कांग्रेस और विपक्ष के निशाने पर थे। कांग्रेस ने इस्तीफा मांगा गया था। एक एजेंसी के हवाले से आ रही खबर के अनुसार भाजपा मंत्री एमजे अकबर ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया है।
कई महिलाओं ने उत्पीड़न का आरोप लगाया था
एमजे अकबर पर कई महिलाओं ने उत्पीड़न का आरोप लगाया था। आपको बता दे कि केंद्रीय राज्यमंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के समर्थन में 20 महिला पत्रकार सामने आई हैं। ये सभी पत्रकार ‘द एशियन एज’ अखबार में काम कर चुकीं हैं।
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अकबर की ओर से रमानी को मानहानि का नोटिस भेजे जाने पर इन महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान में रमानी का समर्थन करने की बात कही और अदालत से आग्रह किया कि अकबर के खिलाफ उन्हें सुना जाए।
बयान पर दस्तखत करने वालों में मीनल बघेल, मनीषा पांडेय, तुषिता पटेल, कणिका गहलोत, सुपर्णा शर्मा, रमोला तलवार बादाम, होइहनु हौजेल, आयशा खान, कुशलरानी गुलाब, कनीजा गजारी, मालविका बनर्जी, ए टी जयंती, हामिदा पार्कर, जोनाली बुरागोहैन, मीनाक्षी कुमार, सुजाता दत्ता सचदेवा, रेशमी चक्रवाती, किरण मनराल और संजरी चटर्जी शामिल हैं।
आरोपों को राजनीतिक षडयंत्र बताते हुए खारिज कर दिया था
इससे पहले एमजे अकबर द्वारा आपराधिक मानहानि का नोटिस भेजने के कुछ घंटे बाद ही रमानी ने एक बयान जारी कर कहा था, ‘सत्य और पूर्ण सत्य ही उनका इसके खिलाफ एकमात्र डिफेंस है। मैं इस बात से बेहद दुखी हूं कि केंद्रीय मंत्री ने कई महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों को राजनीतिक षडयंत्र बताते हुए खारिज कर दिया था।
मेरे खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला बनाकर अकबर ने अपना स्टैंड साफ कर दिया है। अपने खिलाफ कई महिलाओं द्वारा लगाए गए गंभीर अपराधों पर सफाई देने की बजाए वह उनको धमकाकर और प्रताड़ित कर चुप कराने की कोशिश करते दिख रहे हैं।’
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