काशी विश्वनाथ धाम से जोड़े जाए प्रवासी मजदूर, शहर में ही रोजगार देने की कवायद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को साकार करने में वाराणसी जिला प्रशासन जुट गया है। कॉरिडोर के काम मे तेजी लाने के उद्देश्य से अब प्रवासी मजदूरों को भी जोड़ा जाएगा। बाहर के प्रदेशों से आने वाले मजदूरों को अब वाराणसी में ही रोजगार देने की तैयारी की जा रही है।
धर्मार्थ कार्य मंत्री ने किया कॉरिडोर का निरीक्षण-
उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी और वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने काशी विश्वनाथ धाम के चल रहे कार्यों का मंगलवार को निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की। उन्होंने धाम में चल रहे 7 भवनों मंदिर परिसर, मंदिर चौक, यात्री सुविधा केंद्र, घाट किनारे के चल रहे कार्यों की समीक्षा की इस दौरान इन कार्यो में आने वाली छोटी मोटी समस्याओं को दूर करने का निर्देश दिया। मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कोरोना महामारी को देखते हुए सभी को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क सहित भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए निर्माण कार्य करने को कहा।
एक हजार मजदूरों की जरूरत-
उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्य में अन्य प्रदेशों से लौटकर उत्तर प्रदेश में आए प्रवासी मजदूरों को इस निर्माण कार्य से जोड़ा जाए ताकि वे इस काम को पूरा कराने में सहयोग करें। फिलहाल काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के काम को पूरा करने के लिए 1 हजार मजदूरों की जरूरत है। पर्यावरण की दृष्टि से देखते हुए आसपास के लोगों को निर्माण से उड़ने वाले धूल से किसी प्रकार की परेशानी न हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक विशाल सिंह ने बताया कि इस परियोजना को इनवायरमेंटल क्लीयरेंस का सर्टिफिकेट भी मिल गया है।
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