क्या बैंकों के विलय से होगा नुकसान? सरकार कर चुकी है ऐलान

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देशभर में बैंकों का विलय होने को लेकर तरह तरह के सवाल भी उठने लगे हैं। 10 बड़े बैंकों को मिलाकर चार बड़ें विलय का ऐलान भी हो चुका है। ऐसे में पहले से जो आठ अन्य बैंक अकेले वजूद में तो रहेंगे। देश में सरकारी बैंकों की संख्या विलय के बाद घटकर 12 ही रह जाएगी। हालांकि, जो भी हो अब केंद्र सरकार ने इस पर निर्णय ले ही लिया है। सरकार बैंकों के आपस में विलय को लेकर घोषणा कर चुकी है। बैंकों के विलय को लेकर अब लोग लाभ और नुकसान को लेकर अपने अपने तर्क दे रहे हैं।

बताते चलें कि बैंकों के विलय को लेकर कुछ लोगों का कहना है कि इससे बेरोजगारी बढ़ेगी। चूंकि काम कम हो जाएगा। इस वजह से स्टाफ की छटनी, तबादले भी होंगे। यही नहीं इस चिंता से परेशान कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस और उत्तरांचल बैंक इम्प्लॉई एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रदर्शन कर ​बैंकों के विलय का विरोध जताया। एसोसिएशन ने विरोध जताते हुए कहा कि किसी भी बैंक अधिकारी और कर्मचारियों का शोषण नहीं होने देंगे।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के जिला संयोजक राजकुमार सक्सेना का कहना है कि बैंकों के विलय से भारी नुकसान होने की आशंका है। विलय करने को लेकर भी कर्मचारियों और अधिकारियों को भरोसा नहीं दिलाया गया।

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पीएनबी स्टाफ एसोसिएशन के सचिव धीरज बिष्ट का कहना है कि बैंकों का विलय करने की घोषणा केन्द्र सरकार कर चुकी है। इससे कई बैंकों की शाखाएं तो बंद होंगी ही कर्मचारियों के छंटनी होने की आशंका भी है। कर्मचारियों और अधिकारियों का हित इससे प्रभावित होगा। यदि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला किया गया और नौकरी से निकाने की स्थिति आई तो व्यापक आंदोलन होगा।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को ही बैंकों के विलय का ऐलान कर दिया था। उन्होंने यह बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि यूनाइटेड बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और पंजाब नेशनल बैंक का विलय होगा। वहीं, इसके अलावा केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का आपस में विलय होगा। तीसरा बड़ा विलय यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का होगा। इसके साथ ही इलाहाबाद बैंक के साथ इंडियन बैंक का विलय होगा।

इन सरकारी बैंकों का अकेले है वजूद

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ महाराष्ट्र
यूको बैंक
पंजाब एंड सिंध बैंक
इंडियन ओवरसीज बैंक
बैंक ऑफ बड़ौदा (देना बैंक और विजया बैंक से विलय के बाद)

सरकार ने गिनाए फायदे

वित्त मंत्री ने बैकों का विलय होने के लाभ बताते हुए कहा कि यह उपभोक्ताओं के हित में निर्णय लिया गया है। सरकारी बैंकों की संख्या 18 से घटकर 12 हुई है। पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था पर काम भी चल रहा है। फर्जी तरह से चल रही तीन हजार कंपनियों को बंद कराया गया है। बैंकों में कई बड़े सुधार किए गए हैं। 250 करोड़ से अधिक के कर्ज पर नजर रखी जाएगी। बैंक से कर्ज लेकर भागने वाले भगोड़ों पर कार्रवाई जारी रहेगी।

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