Article 370 को हटाने का फैसला असंवैधानिक और अवैध : महबूबा मुफ्ती
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया। इस दौरान अमित शाह ने धारा 370 हटाने का संकल्प पेश किया। जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग किया गया।
लोकतंत्र का सबसे काला दिन-
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने सरकार के इस फैसले को एकतरफा करार दिया। मुफ्ती ने कहा कि आज भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है।
जम्मू कश्मीर के नेतृत्व का 1947 में 2-राष्ट्र थ्योरी को खारिज कर भारत में शामिल होने का निर्णय उल्टा साबित हुआ। भारत सरकार का धारा 370 को हटाने का फैसला असंवैधानिक और अवैध है।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 निरस्त करने का भारत सरकार का एकतरफा फैसला गैर कानूनी, जम्मू-कश्मीर में भारत संचालन बल बन जाएगा।
मुफ़्ती के मुताबिक़ अनुच्छेद 370 पर उठाया गया कदम उपमहाद्वीप के लिए विनाशकारी परिणाम लेकर आएगा, वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को आतंकित कर इस क्षेत्र पर अधिकार चाहते हैं।
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला-
राज्य सभा में गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा ऐलान किया है। अमित शाह ने कश्मीर में धारा 370 हटाने की सिफ़ारिश की। इस दौरान गृह मंत्री ने कहा- 370 (1) को छोड़कर कोई भी धारा लागू नहीं होगी।
अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे। यानी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश कर दी है।
जम्मू-कश्मीर से अलग हुआ लद्दाख-
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब केंद्र शासित प्रदेश होंगे। जम्मू-कश्मीर में विधाससभा होगी जबकि लद्दाख में कोई विधायिका नहीं होगी।
जम्मू-कश्मीर पर अब भी भारतीय संविधान लागू हो गया है। संसद ही यहां के लिए कानून बनाएगी। अभी गवर्नर ही राज्य सरकार का रोल अदा करेंगे।
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