MBBS छात्रों ने मेडिकल कालेज के मुख्य गेट को बंद कर किया विरोध प्रदर्शन

शासन से निर्धारित स्टाइपेंड बढ़ाने की कर रहे हैं मांग

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वाराणासी के रोहनिया थाना क्षेत्र के हाईवे स्थित भदवर हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के MBBS के छात्रों ने स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर शुक्रवार को मुख्य गेट को बंद कर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. करीब पांच घंटे तक चले विरोध, प्रदर्शन और नारेबाजी के बाद स्टाइपेंड बढ़ाने का आश्वासन मिला तब छात्र-छात्राएं शांत हुए. विरोध का मुख्य कारण यह था कि उन्हें निर्धारित स्टाइपेंड से आधा भुगतान किया जाता था. वह भी अनियमित ढंग से किया जा रहा था.

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जानकारी के अनुसार 2019 का बैच नवगठित योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा (सीबीएमई) पाठ्यक्रम के तहत प्रवेश पाने वाला यह पहला बैच है. छात्र-छात्राओं का कहना है कि इस पाठ्यक्रम के अनुसार 2019 बैच के नए उत्तीर्ण स्नातक ’भारतीय चिकित्सा स्नातक’ हैं. प्रशिक्षुओं को न्यूनतम 5000 प्रतिमाह (जो कि 160 रुपये/दिन) की न्यूनतम राशि का भुगतान किया जाता है, जो उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल के निर्देशों के साथ-साथ इन प्रशिक्षुओं द्वारा किए जाने वाले समर्पित कार्य के अनुरूप नहीं है.

छात्र-छात्राएं तीन साल से कर रहे थे मांग

प्रदर्शन कर रहे प्रशिक्षुओं ने बताया कि कॉलेज प्रशासन ने यह कहकर अपना बचाव किया है कि वे प्रशिक्षुओं को और अधिक पैसे नहीं दे सकते, क्योंकि उन्हें अपने बुनियादी ढांचे एमआरआई मशीनों आदि के लिए धन की आवश्यकता है. इसके लिए कॉलेज अधिकारियों को एक औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत किया गया था, लेकिन इस पर कोई संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं होने के कारण विरोध का सहारा लेना पड़ा. उनका कहना था कि हमारी मांगें न्यूनतम है.ं वे नियमित भुगतान (बिना किसी अवरोध के हर महीने) चाहते हैं और अपने मौजूदा वजीफे 5000/माह से बढ़ाकर सरकार द्वारा निर्धारित 12000 रूपये प्रतिमाह की मांग कर रहे हैं. उधर, शुक्रवार की सुबह मेडिकल कालेज का मुख्य गेट बंद कर विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही चौकी प्रभारी भदवर विनीत कुमार व उप निरीक्षक ऋतुराज मिश्रा पुलिस बल के साथ पहुंचे. सुबह दस बजे से विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ जो लगभग पांच घंटे तक चला. इसके बाद प्रबंधन की ओर से स्टाइपेंड बढ़ाने का आश्वासन मिला तब प्रदर्शनकारी शांत हुए. छात्र-छात्राओं का कहना है कि वह तीन साल से लगातार स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग कर रहे थे. लेकिन इसे अनसुना किया जाता रहा. उनका आरोप है कि रविवार को बन्दी के दिन भी काम कराया जाता है. हम लोगों को 166 रुपया प्रतिदिन व एक घण्टे का 6.90 रुपया दिया जाता है.विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग डेढ़ सौ प्रशिक्षु शामिल रहे.

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