रील नहीं, बल्कि रियल लाइफ में MBBS है ‘ऑटो वाला’

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देश के किसी भी शहर में आप चले जाइए, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता या बेंगलुरु इन सभी शहरों में आपको अलग-अलग रहन-सहन व भाषा देखने को मिलेगा, लेकिन ऑटोवालों की आदतें एक जैसी ही होती है। लोगों का मानना है कि ऑटो चालक ग्राहकों से ना केवल मनमाना किराया वसूलते हैं, बल्कि दादागीरी भी करते हैं। लेकिन इन सब के बीच बेंगलुरु में एक ऐसा भी ऑटो वाला है, जो बिना मोल-भाव किए सवारी को उसकी मंजिलों तक पहुंचाता है। इसके बदले सवारी का जितना भी मन करे, उतने पैसे ड्राइवर के बॉक्स में डाल देती है।

प्रेरणादायक है ऑटो ड्राइवर की कहानी

दरअसल हाल ही में विनीत नाम के एक शख्स ने फेसबुक के ‘बेंगलुरु पेज’ पर अपनी एक कहानी को साझा किया है। विनीत के मुताबिक, अपनी बीमार मां से मिलने के लिए उन्होंने एक ऑटो लिया और हॉस्पिटल की तरफ निकल पड़े। हॉस्पिटल पहुंचने के बाद जब विनीत ने पैसे के बारे में पूछा तो ड्राइवर ने कहा कि आप का जितना दिल चाहे उतना दे दीजिए। विनीत ड्राइवर से इसी बहस में उलझा हुआ था कि गार्ड ने ऑटो को आगे करने के लिए कहा। पर जैसे ही गार्ड ने ऑटो ड्राइवर को देखा तो उसे नमस्ते करके बात करने लगा।

MBBS निकला ड्राइवर

गार्ड से बात करने के बाद विनीत को पता चला कि ये ऑटो ड्राइवर MBBS के तीसरे साल का छात्र है और पिता की मौत के बाद अपने परिवार का एकमात्र सहारा है। यही वजह है कि कॉलेज के प्रिंसिपल ने पढ़ाई के साथ-साथ काम करने के लिए उसे स्वयं एक ऑटो खरीद कर दिए हैं। पर ड्राइवर उससे सिर्फ उतने ही पैसे अपने पास रखता है, जितने में उसके परिवार का गुजर बसर हो जाए। बाकी पैसे वो हॉस्पिटल के मरीजों की देखभाल के लिए दे देता है। हम सब के लिए इस ऑटो ड्राइवर की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है।

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