फांसी के पहले ही सामूहिक हत्‍याकांड के अभियुक्‍त की मौत

भाई समेत पांच लोगों की हत्‍या में मिली थी सजा,  नैनी जेल में बिगडी थी तबीयत

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वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र के जीवधीपुर में 27 साल पूर्व अपने भाई सहित पांच लोगों की हत्‍या करनेके आरोप में फांसी की सजा प्राप्‍त अभियुक्‍त की बीमारी के चलते मौत हो गई. वर्ष 1996 में शहर को झकझोर देने वाली इस वारदात को अंजाम देने वाले सजायाफ्ता कैदी सुरेश चौहान की प्रयागराज के नैनी जेल में अचानक तबीयत खराब हो गयी थी और उसको एसआरएन अस्पताल मेंभर्ती कराया गया था, जहां शनिवार की देररात इलाज के दौरान उसकी सांसें थम गयीं. इसकी जानकारी उसके बेटे को दी गयी. इसके बाद पहुंचे बेटे को सुरेश का पोस्टमार्टम करवा कर शव रविवार को अंतिम संस्कार के लिए दिया गया.

साले के साथ वारदात को दिया था अंजाम

आपकों बता दें कि जीवधीपुर निवासी 69 वर्षीय सुरेश चौहान ने छहअक्टूबर 1996को अपने साले रामजीचौहान के साथ मिलकर अपने भाई रमेश चौहान, उसकीपत्नी गंगा देवी, व दो पुत्रियों समेत पांच की हत्या कर दी थी. इस सामूहिक नरसंहार ने पुरे शहर को हिलाकर रख दिया था. इस मामले में सुनवाई करते हुवे जिला न्यायालय ने 19 दिसम्बर 1997 को उसे फांसी की सजा सुनाई थी.इसके बाद उसने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था. लम्बे विचारण के बाद आयेफैसले ने दो मार्च 2021 कोउसकी फांसी की सजा बरकरार रखी.

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नैनी जेल किया गया था स्‍थानांतरित

इसके बाद 13 जनवरी 2022 को उसे नैनी जेल स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां पिछले दिनों उसकी तबीयत ख़राब हो गयी। उसे इलाज के लिए एसआरएनअस्पताल भर्ती करवाया गया था, जहां उसने आखिरी सांस ली. मृतक को पांच पुत्र, दोपुत्री एवं पत्नी पवित्री देवी है. जानकारी होने पर मृतक का बेटा महेंद्र कुमार परिवार के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा और शव की सुपुर्दगी लिया. मृतक का तीनडाक्टरों के पैनल एवं वीडियो ग्राफी के बीच पोस्टमार्टम हुआ. रविवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर चले गये.

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