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राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ‘एक जिला एक उत्पाद’ के तहत कई ओएमयू का आदान-प्रदान किया गया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने कभी अपना स्थापना दिवस नहीं मनाया था। हमने पहली बार स्थापना दिवस मनाने का कार्य किया।
प्रदेश के विकास के लिए इस अवसर पर ठोस कदम उठाए जाएं इस लिए एक जनपद-एक उत्पाद योजना को लागू करने का फैसला किया गया है। 22 करोड़ की आबादी को आत्म निर्भर बनाना था चुनौती सीएम ने कहा कि 22 करोड़ की आबादी को आत्म निर्भर बनाना सबके लिए चुनौती थी।
हमारी सरकार ने इस दिशा में प्रयास किया। सीएम ने कहा कि जब हमने मार्च, 2017 में कार्य आरंभ किया तो उस वक्त उत्तर प्रदेश की क्या स्थिति थी, इस बारे में बोलने की आवश्यकता नहीं है।
कम समय में बेहतर परिणाम हर क्षेत्र में लेकर आना है, इसके लिए आवश्यक था कि युवाओं को पलायन से रोका जाए। सीएम ने कहा कि एक जनपद-एक उत्पाद योजना के तहत स्टार्टअप के लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। पहली बार एक साथ 75 जनपदों में लाभार्थियों को 1006 करोड़ रुपये के वित्तपोषण की व्यवस्था की जा रही है।
सीएम ने कहा कि इस योजना के माध्यम से हर वर्ष 5 लाख नौजवानों को रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। युवा अपने घर, अपने गांव, अपने जनपद और अपने प्रदेश में रोजगार पाएं। हमें विश्वास है कि पलायन रुकेगा और प्रतिभा का प्रयोग प्रदेश में ही होगा।
उत्तर प्रदेश अपनी परंपरागत छवि से उबरकर अपने उद्यम व पुरुषार्थ के माध्यम से देश में एक नई पहचान हासिल करेगा। इस दौरान एक जनपद-एक उत्पाद की कॉफी टेबल बुक का अनावरण हुआ है। इतना ही नही कई जनपदों के उत्पादों की मार्केटिंग व ब्रांडिंग की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।